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Sugarcane White fly Pest Control

Sugarcane White Fly Life Cycle And Pest Control 

सूचित - नियंत्रण की पूरी जानकारी  दिया गया है जो लड़के कृषि से पढाई कर रहे और किसान उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इस आर्टिकल को पूरा पढ सकते है |

 गन्ने की श्वेत मक्खी

(Sugarcane - white fly)

अन्य नाम - लही , सफेद माशी आदि ।

वैज्ञानिक नाम- Aleurolobus barodensis Mask

 Order - Hemiptera

Sub - order – Homoptera

 Family - Alcuyrodidac

पोषक पौधे ( Host plants ) - गन्ना , ज्वार , बाजरा , मक्का , गेहूँ तथा जौ आदि ।

वितरण ( Distribution ) - यह भारत में पंजाब , उ ० प्र ० , मध्य प्रदेश , बंगाल तथा बिहार में मिलता है । 

क्षति एवं महत्व ( Damage and Importance )  - इसके शिशु ( nymph ) तथा प्रौढ़ ( adult ) दोनों ही अवस्थायें हानि पहुँचाती हैं , दोनों के ही चुभाने और चूसने वाले मुखांग होते हैं । यह गन्ने का भयंकर हानिकारक कीट है । अधिकतर इसका आक्रमण जुलाई से लेकर नवम्बर तक होता है । इसका प्रकोप होने पर 50 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो जाती है । प्रायः ऐसा देखा गया है कि पेड़ी वाली फसलों तथा निचले खेतों , जहाँ पर नमी अधिक रहती है या पानी भरा रहता है , इसका प्रकोप अधिक होता है । इसके साथ नाइट्रोजन की कमी होने पर भी यह अधिक रहता है । वैसे तो यह कीट साल भर सक्रिय रहता है तथा सर्दी का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता । अप्रैल - मई में गर्म हवा चलने के कारण इसकी संख्या में अत्यधिक कमी हो जाती है । शिशु तथा प्रौढ़ दोनों ही गन्ने की पत्तियों का रस चूसते हैं फलस्वरूप पत्तियाँ कमजोर एवं पीली पड़ जाती है जिससे गन्ने की बढ़वार मारी जाती है तथा पौधे छोटे रह जाते हैं । चूँकि यह अपनी चोंच को गड़ाकर पत्तियों का रस चूसते हैं जिससे पत्तियों पर घाव बन जाते हैं और उन पर कवकों ( fungus ) का आक्रमण हो जाता है । अधिक आक्रमण होने पर पौधों का रंग हरे की बजाय कुछ लालिमा लिये हुए हल्के पीले रंग का मालूम पड़ता है । कवकों का प्रकोप होने पर गन्ने की पत्तियों के निम्न तल पर जगह - जगह काले धब्बे दिखाई पड़ते हैं । गन्ने की मध्य की पत्तियों में जीवित निम्फ प्यूपा भी चिपके हुए दिखलाई पड़ते हैं । इसके आक्रमण से गन्ने में सुक्रोज की मात्रा कम हो जाती है तथा गुड़ एवं चीनी की गुणता ( quality ) में भी कमी आ जाती है । कभी - कभी चीनी की मात्रा 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है ।

                                                                                  Sugarcane - white fly

जीवन इतिहास ( Life history ) - इसके जीवन चक्र में 4 अवस्थायें , अण्डा ( cgg ) , शिशु ( nymph ) , कृमिकोष ( pupa ) तथा प्रौढ़ ( adult ) मिलती हैं ।

अण्डा ( Egg ) - मादा कीट गन्ने की पत्तियों की निचली सतह पर मध्य शिरा के पास सीधे कतारों में अण्डे देती हैं । एक पत्ती पर अण्डों की कई पंक्तियाँ मिलती हैं तथा एक पंक्ति में लगभग 51 अण्डे है होते हैं । प्रत्येक मादा अपने जीवन काल में कई बार अण्डे देती है तथा एक बार दिये गये अण्डों की संख्या लगभग 100 होती है । प्रत्येक ( 0.3 मिमी ० लम्बा , चमकदार , अण्डाकार तथा पीले रंग का होता है । इसका आधार वाला सिरा कुछ गोल व चौड़ा तथा दूसरा सिरा नुकीला होता है । आधार के चौड़े सिरे के बीच एक डंठल की रचना ' वृन्त ' ( pedical ) निकली रहती है , जिसकी सहायता से अण्डे पत्ती पर चिपके रहते हैं । पकने के समय अण्डे का रंग भूरा तथा काला होता है । गर्मियों में लगभग 7 दिन तथा जाड़ों में लगभग 13-14 दिनों में अण्डे फूटते हैं तथा शिशु निकलते हैं ।

शिशु ( Nymph ) – इन्हें अर्भक भी कहते हैं । प्रारम्भ में यह अण्डाकार , चमकदार पीले रंग के तथा लगभग 0-31 मिमी ० लम्बे होते हैं । इस समय इनकी एन्टिनी 4 खंडीय तथा पूर्ण विकसित 3 जोड़ी टाँगें होती हैं । शिशु पत्तियों पर इधर - उधर टहलते रहते हैं तथा उपयुक्त स्थान मिल जाने पर चिपक कर पत्तियों का रस चूसने लगते हैं । लगभग 3 दिन पश्चात् यह प्रथम निर्मोक ( moult ) करता है । द्वितीय इंसटार निम्फ चमकदार , काले रंग का होता है तथा इसकी अति छोटी टाँगें होती हैं एवं एन्टिनी भी नहीं मिलते । इस अवस्था में यह एक स्थान पर चिपके हुए पत्तियों का रस चूसते रहते हैं । कुछ समय पश्चात् यह पुनः निर्मोक करता है तथा तृतीय इंसटार में बदल जाता है जो पूर्ण विकसित होने पर लगभग 2 मिमी .. लम्बा होता है । इसका रंग दूसरे इन्सटार की तरह का होता है इसके अन्तिम खण्ड में एक गर्त होता है जिसमें गुदा ( Anus ) तथा जननांग स्थित होते हैं इस गर्त को वेसीफार्म ओरिफिस ( Vasiform - orifice ) कहते हैं । गुदा में मधुरस ( Honey dew ) का सवण ( Secretion ) होता है । गर्मियों में ये लगभग 11 दिनों में तथा सर्दियों में लगभग 31 दिनों में पूर्ण बढ़कर प्यूपा अवस्था में बदल जाते हैं ।

कृमिकोष ( Pupa ) – इसे हिन्दी में घोंघा तथा शंकु भी कहते हैं । पूर्ण विकसित हो जाने पर निम्फ कुछ समय पश्चात् निष्क्रिय हो जाते हैं तथा सफेद मोम के धागों से ढक जाते हैं । प्यूपा का बनना इस कीट की विशेषता है क्योंकि गण हेमीप्टेरा में अपूर्ण रूपान्तरण होता है । प्यूपा चपटा , अण्डाकार तथा सिलेटी रंग का एवं आकार में निम्फ से बड़ा होता है । इसके वक्ष पर ( T ) जैसा सफेद चिन्ह होता है इसी स्थान से प्यूपा फटता है । साधारणतः कोपावस्था ( Pupal stage ) 7 दिनों की होती है जो सर्दियों में बढ़ जाती है ।

प्रौढ़ ( Adult ) -  प्रौढ़ कीट अति छोटा लगभग 2.5 मिमी ० लम्बा तथा । मिमी ० मोटा पीले रंग का होता है । इसका पंख विस्तार 3 मिमी ० होता है दो जोड़ी छोटी - छोटी सफेद झिल्ली जैसे पंख होते हैं जिनमें अगली जोड़ी ऊपर से सफेद मोम जैसे पदार्थ से ढकी होती है । इनका सिर अधोन्मुखी ( LIypognat hous ) तथा एन्टिनी सात खंडीय होता है । टाँगें पूर्ण विकसित , टारसाई ( Tharsi ) द्विखण्डीय जिस पर एक जोड़ी नखर होते हैं । प्रौढ़ कीट लगभग 30 दिन जीवित रहता है तथा साल में इसकी कई पीढ़ियाँ मिलती हैं । इनका जीवन चक्र गर्मियों में 27 दिन है तथा सर्दियों में बढ़ जाता है । इसके जीवन इतिहास में पूर्ण रूपान्तरण मिलता है

 

                                                        Life Cycle of Aleurolobus arodensis

प्रौढ़ कीट प्यूपा से निकलने के कुछ समय पश्चात् मैथुन करते हैं तथा मादा दो दिन पश्चात् अण्डा देना आरम्भ करती है ।

नियन्त्रण ( Control ) –

 ( 1 ) जहाँ तक सम्भव हो पैड़ी की फसल नहीं लेनी चाहिये । अधिक मात्रा न रहे ।

( 2 ) पानी के निकास का उचित प्रबन्ध हो ताकि खेतीपानी इकट्टा न हो सके तथा नमी  की

( 3 ) नाइट्रोजन की उचित मात्रा ( संतुलित ) रखनी चाहिए । करके नष्ट कर दें ।

( 4 ) अगस्त - सितम्बर के महीनों में पतियों का निरीक्षण करके प्रसित पत्तियों को एक जगह इकट्टा

( 5 ) गन्ने की प्रतिरोधी किस्मै ( Resistant Varieties ) जैसे Co. 265 , Con 385 , 975 तथा 1158 उन क्षेत्रों में बोई जायें जहाँ इसका प्रकोप रहता है ।

( 6 ) इस कीट का अधिक प्रकोप हो जाने पर निम्नलिखित दवाओं में से किसी एक को दी गई मात्रा 1000 से 1200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हैक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करें

( 1 ) क्लोरपायरीफास 20 % ई ० सी ० -1.5 लीटर

( 2 ) मोनोक्रोटोफास 36 ई ० सी ० शील चूर्ण -1.0 लीटर  

( 3 ) इन्डोसल्फान 35 % ई ० सी ० - 1.5 लीटर

( 4 ) फार्मोथियान 25 % ई ० सी ० - 1.0 लीटर

(5) प्रकोप अधिक होने पर उपयुक्त दवाओं में से किसी को दो बार सितम्बर तथा अक्टूबर के महीने में छिड़काव करना चाहिए । अधिक प्रकोप होने पर एक महीने के अन्तर पर दोहराते रहना चाहिए जब तक कि फसल मुक्त न हो जाए ।

 प्राकृतिक शत्रु ( Natural enemies ) - निम्नलिखित कीट इसके निम्न तथा प्यूपा पर परोपजीवी हैं

( 1 ) Azous delhiensis

 ( 2 ) Amitus aleurolobi

 ( 3 ) Exetmcoeras delhiensis

( 4 ) Encarsia sp .

Sugarcane White fly Pest Control , Sugarcane White fly Life Cycle

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