गेंहू के प्रमुख कीट
माइट कीट ( Mite ) आई.पी.एम. तकनीक
गेंहूँ को क्षति पहुचाने वाला कीट
1 ) ये रस चूसने वाले होते हैं , जिनकी
एक मि.मी. तक लंबाई होती है ।
2 ) ये खुरचकर पत्तियों पर सिलवरी दाग बना
देते है ।
3 ) बाद में पत्तियों पर जाल बन जाता है ।
4 ) पौधा सिकुड़े हुए रहते है , जिनकी
बालियां कमजोर एवं सफेद रंग की हो जाती है ।
5 ) अंतिम अवस्थाओं में पौधे रोगग्रस्त
दिखाई पड़ते है ।
1 ) प्रतिरोधक क्षमता वाली किस्में जैसे
डब्ल्यू एच . - 147 , राज -3836 बोयें
।
2 ) समय से बोआई करें ।
3 ) फसल की अच्छी तरह देख - रेख करें , एवं
प्रतिरोधक किस्में बोयें ।
4 ) वर्टीसिलीयम लिकेनी ( वर्टीलेक ) नामक
जैव कीटनाशक का प्रयोग करे । अध्याय : 02 गेंहूँ
के नाशीजीव एंव उनका समेकित प्रबंधन रासायनिक नियंत्रण
1) रसायनिक
कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या आर्थिक क्षति स्तर को
निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग 600 से 750 लीटर
पानी के साथ करें ।
2 ) 200- 250 ग्राम
डाइमेथेएट प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें ।
3 ) 200-250 ग्राम मोनोक्रोटोफोस प्रति हेक्टेयर का
छिड़काव करें ।
4 ) 200-250 ग्राम
ओक्सीडेसी / मीटान मिथाइल प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें । छिड़काव के लिए हॉलो
कोन नोजल का उपयोग करें । स्टिंक बग ( Sting bug )
1 ) . हल्का ठन्डा तापमान और कम वर्षा इस कीट
के विकास और प्रजनन के लिए अनुकूल होता है
2 ) वयस्क स्टिंक बग नुकसान पंहुचाती है , तना
को खाती है ।
3 ) बग की लार जहरीली होती है जो तने को
मार सकती है ।
4 ) यदि प्रारंभिक अवस्था में कर्नल खा लिए
जाते है तो दाने पूरी तरह नष्ट हो जाते है ।
5 ) बाद की अवस्था में आक्रमण होता है तो
दाने सिकुड़ जाते है । आई.पी.एम. तकनीक
1 ) देर से बोआई न करें ।
2 ) नाइट्रोजन उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग न
करें ।
( 3 ) फसल
की अच्छी तरह देख रेख करें ।
( 4 ) कीटनाशक
का खेत के किनारे छिड़काव करें ।
5 ) नीम आधारित वनस्पति कीटनाशक का प्रयोग
करे ।
6 ) बर्ड पर्चेर 6 - B की
संख्या में प्रति हे . स्थापित करे ।
7 ) चौदह पर्णी जैव कीटनाशक का एक लीटर को
बीस लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करे । रासायनिक नियंत्रण निम्नलिखित कीटनाशकों का
उपयोग 600 से 750 लीटर
पानी के साथ करें ।
1 ) 330 मि.ली. डाइमेथेओएट ( 30 ई.सी.
) की दर से छिड़काव करें ।
2 ) 650 मि.ली. प्रति हेक्टेयर 25 ई.सी.
मिथाइल डिमेटान की दर से छिड़काव करें
3 ) कीट वायर चर्म ( Wire worm )
क्षति ये तार के आकार के 20-30 मि.मी.
की लंबाई के होते है । 2. ये बीज के कर्नल को खा लेते है और
छिलका रह जाता है ।
3. तना चबाया हुआ सा दिखाई पड़ता है ।
भूरे रंग का ग्रब मिट्टी में भी रहता है । आई.पी.एम. तकनीक
1. बोआई समय पर करें ।
2. खेतों के आसपास के खरपतवार को नष्ट
करें ।
3. कच्ची गोबर की खाद का उपयोग न करें ।
4. बर्ड पर्चेर 6-8 की
संख्या में प्रति हे . स्थापित करे
5. बोआई से पहले व्युवेरिया बेसियाना से
भूमि शोधन एवं छिड़काव करे । पार कर ले ।
insect control
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