तीन राज्यों में युवाओं से जुड़े तीन फैसला
बिहार में 3.5 लाख संविदा शिक्षकों को मिलेगा स्थाई कर्मचारी का दर्जा

पटना - बिहार की नीतीश सरकार ने मंगलवार को राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत करीब 3.5 लाख संविदा शिक्षकों को अस्थाई कर्मचारियों का दर्जा देने का फैसला किया है सी एम की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया |
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव यश सिद्धार्थ ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है राज्य सरकार की अधिसूचना के तुरंत बाद संविदा पर कार्यरत यह शिक्षक अस्थाई सरकारी कर्मचारी की स्थिति के साथ विशिष्ट शिक्षक के रूप में जाने जाएंगे इन विशिष्ट शिक्षकों को नया वेतनमान पाने और प्रोन्नति के लिए भविष्य में तीन मौके दिए जाएंगे जो परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकेंगे उनके बारे में सरकार बाद में निर्णय लेगी |
50000 प्रेरकों की भर्ती रद्द कर दी गई है
जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शांति और अहिंसा विभाग में लंबित 50,000 महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती को निरस्त कर दिया सेवा प्रेरकों को नागरिक निकायों में पुस्तकालयों में अपनी सेवाएं दे दी थी सेवा प्रेरक भर्ती होती तो उन्हें 4,500 रुपए पर महीना देना प्रस्तावित था |
स्नातक बेरोजगारों को 3000 भत्ता
बेंगलुरु कर्नाटक सरकार ने अपनी पांचवी चुनावी गारंटी युवा निधि भी
लागू कर दी है इसके तहत शैक्षणिक वर्ष 2022- 23 में उत्तीर्ण होने वाले स्नातकों को 180 दिनों के भीतर रोजगार न मिलने पर ₹3000 व डिप्लोमा धारकों को 1500 मासिक भत्ता दिया जाएगा 12 जनवरी से युवाओं को यह मदद मिलेगी |
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