चयन प्रक्रिया पहले शुरू हो गई नहीं मिलेगा दो आरक्षण का लाभ
इलाहाबाद हाईकोर्ट से 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में याचिकाएं खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जब चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। यूपी में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में भी ऐसा ही है।

यूपी सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने का शासनादेश 2020 में लागू किया गया, जबकि चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी। कोर्ट ने याचियों को राहत से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने शिवम पांडेय सहित 25
नई संविदा भर्ती में
याची के लंबे अनुभव
का रखें ख्याल
याचिकाओं पर सुनवाई कर उन्हें खारिज कर दिया। याचियों की ओर से दाखिल याचिकाओं में भर्ती मामले में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई थी। कहा गया, भर्ती प्रक्रिया 16 मई 2019 से शुरू की गई थी। जबकि, केंद्र सरकार ने इस अधिनियम को 12 जनवरी 2019 को ही लागू कर दिया। लिहाजा, इसका लाभ उन्हें मिलना चाहिए।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की संविदाकर्मी की संविदा रद्द किए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका निस्तारित करते हुए कहा है कि नई संविदा भर्ती में कानून के दायरे के तहत याची महिला के लंबे अनुभवे का ध्यान रखा जाय। यह फैसला न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की कोर्ट ने सुनाया।
याची की ओर से अधिवक्ता योगेश मिश्र ने पक्ष रखा। मामले में याची महिला दुर्गावती सिंह 23 वर्षों से कस्तूरबा गांधी विद्यालय, वाराणसी में संविदा पर जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत थीं। इस दौरान याची महिला पर लगाए गए कई आरोपों की जांच के बाद बीएसए ने 4 अगस्त 2023 को पत्र जारी कर उनकी संविदा रद्द कर दी। इसके विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि याची नई संविदा भर्ती में शामिल होने के लिए स्वतंत्र है।
0 Comments
नमस्कार अगर आप को जानकारी अच्छा लगे तो हमें कमेंट और फॉलो करे |