आचार संहिता लागू हुई तो फंस जाएगा आयोग का गठन
प्रयागराज। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने वाली है। अधिसूचना जारी होते ही आचार संहिता लागू हो जाएगी और ऐसे में नए आयोग के गठन की प्रक्रिया भी फंस जाएगी।

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी- पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थी और अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए 1.14 अभ्यर्थी डेढ़ साल से अधिक समय से परीक्षा तिथि घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं। इन दोनों भर्तियों के लिए अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन नए आयोग के गठन के इंतजार में भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है।
आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उच्च शिक्षा निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि आवेदनों की स्क्रीनिंग भी पूरी हो चुकी है। अब आयोग के एक अध्यक्ष एवं 12 सदस्यों की नियुक्ति संबंधी आदेश जारी होना बाकी रह गया है। अभ्यर्थी चाहते हैं कि आचार संहिता लागू होने से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए ताकि नए आयोग के सक्रिय होते ही लंबित भर्तियों की परीक्षाएं कराई जा सकें।
डेढ़ साल से परीक्षा तिथि
घोषित होने का इंतजार कर
रहे 14 लाख अभ्यर्थी
शिक्षा सेवा चयन आयोग के लिए किया प्रदर्शन
प्रयागराज। प्रतियोगी छात्रों ने नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन की मांग को लेकर रविवार को युवा मंच के बैनर तले प्रतियोगी छात्रों ने सिविल लाइंस में पत्थर गिरजाघर के पास धरना-प्रदर्शन किया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवा मंच संयोजक राजेश सचान एवं अध्यक्ष अनिल सिंह
ने शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन में जानबूझकर देरी का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सीएम योगी आदित्यनाथ चाहें तो एक दिन में आयोग का गठन किया जा सकता है। साल भर से अधिक समय से शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन न किया जाना रोजगार को लेकर सरकार की वादाखिलाफी का सटीक उदाहरण है। प्रतियोगियों ने जिला प्रशासन के माध्यम से
प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी प्रेषित किया। इस मौके पर आरबी पटेल, शीतला प्रसाद ओझा, प्रदीप चौधरी, केडी सिंह , अनुज सिंह, अर्जुन प्रसाद, अखंड प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।
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