एनईपी के तहत मूल्यांकन प्रक्रिया में किया अहम बदलाव, इस बदलाव से मंडल के सवा पांच लाख छात्र-छात्राएं सीधे होंगे प्रभावित पास होने को अब 33 की बजाय 40 अंक जरूरी
| राज्य विश्वविद्यालय |
प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू बण्या) राज्य विश्वविद्यालय व संबंद्ध कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे अथया करने बाले छात्र-छात्राओं को अब पास होने के लिए 33 के बजाय 40 अंक पाना अनिवार्य होगा। राज्य विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में इस साल से चार वर्षीय स्नातक और एक वर्षीय परास्नातक की पढ़ाई शुरू हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नोति (एनईपी-2020) के तहत यह आहम बदलाव किया गया है। इस अहम बदलाव से विधि एवं कॉलेज के सवा पांच लाख विद्यार्थी सीधे प्रभावित होंगे। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार ने बताया कि एनईपी के तहत सभी पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू कर दी गई है। इसलिए छात्र को एक सेमेस्टर में 4 सेमेस्टर ग्रेड प्वाइंट एवरेज (एसजीपीए) पाना अवश्यक होगा। 4 एसजीपीए बराबर 40 अंक होंगे। इससे कम एसजीपीए पाने वाले 40 छात्र-छात्राओं को द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश नहीं मिलेगा। यह प्रक्रिया हर सेमेस्टर में लागू होगा। अंतिम सेमेस्टर में इसे सीजीपीए में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
90 से 100 अंक वाले को मिलेगा ओ ग्रेड: राज्य विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने पर 90 से 100 प्रतिशत प्राप्तांक अंक के बराबर 4 सेमेस्टर खेड प्वाइंट एवरेज (एसजीपीए) होगा
• चार एसजीपीए और 60 क्रेडिट पाने वाला ही द्वितीय सेमेस्टर में पाएगा प्रवेश
अति लघु उत्तरीय तीन प्रश्न करने होंगे, जिनमें प्रत्येका प्रश्न तीन अंक के होंगे। लघु उत्तरीय प्रश्न का होगा। जबकि दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 15 अंकों का होगा। इस प्रकार लिखित परीक्षा 75 अंकों की होगी। 25 अंक आतरिक सतत मूल्याकन के होंगे। विधि और बीएड की मूल्यांकन प्रक्रिया पूर्वत रहेगी।
के विद्यार्थियों को ओ ग्रेड तथा 40 प्रतिशत से कम प्राप्तांक वाले विद्याथी को एफ ग्रेड अर्थात फेल का ग्रेड प्राप्त होगा। जो अंकपत्र में अंकित रहेगा। 40 से 50 अंक पर पी ग्रेड, 50 से 60 अंक पर सी ग्रेड, 60 से 70 अंक पर बी ग्रेड, 70 से 30 अंक पर बी प्लस ग्रेड, 80 से 90 अंक पर ए ग्रेड मिलेगा।
अब कौशल विकास, वैकल्पिक विषय की 40% ऑनलाइन कर सकेंगे पढ़ाई
विश्वविद्यालय ने जारी किया पाठ्यक्रम संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश 160 क्रेडिट पर मिलेगी ऑनर्स
प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भच्या) राज्य विश्वविद्यालय में चार वर्षीय पाठ्यक्रम संचालन के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें छात्र अब कौशल विकास और वैकल्पिक विषयों की पढ़ाई 40 प्रतिशत का क्रेडिट ऑनलाइन मोड में कर सकेंगे। यह सुविधा मुख्य और माइनर विषयों पर नहीं लागू होगी। एक बार किसी क्रेडिट का प्रयोग करने के बाद का दूसरी उपाधि के लिए इसका प्रयोग नहीं कर सकेगा। विद्यार्थी इन ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पंजीकरण कर निःशुल्क अध्ययन कर सकेंगे और इसकी परीक्षाएं विश्वविद्यालय सत्रांत तें आयोजित करेगा। परीक्षा के बाद अंक छात्र के एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में स्वतःजुड़ जाएंगे।
कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्यार्थी जिस संकाय में सफलतापूर्व न्यूनतम ७० प्रतिशत क्रेडिट प्राप्त करेगा, उसी में उसको उपाधि दी जाएगी। यदि विद्यार्थी तीन
• 60 प्रतिशत के कम क्रेडिट पर लिबरल एजुकेशन की मिलेगी उपाधि
स्नातक पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष में 40 केडिट के लिए दो मेजर, एक माइनर, एक व्यावसायिक, एक सह पाठ्यक्रम, एक वैल्यू एडेड व एक समर ट्रेनिंग होगी। दूसरे वर्ष में 40 क्रेडिट के सापेक्ष प्रथमवर्ष की व्यवस्था की होगी। तीसरे वर्ष में 40 क्रेडिट के सापेक्ष दी मेजर विषय होगे। 120 क्रेडिट पर स्नातक की उपाधि मिलेगी। चतुर्थ वर्ष में 40 क्रेडिट का सैद्धांतिक पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद चार वर्ष में 160 कैडिट होने पर स्नातक आनर्स की उपाधि मिलेगी। स्नातक शोध सहित आनर्स के लिए चतुर्थ वर्ष में 40 क्रेडिट में से 28 सैद्धांतिक पाठ्यक्रम और 12 क्रेडिट का रिसर्च प्रोजेक्ट पूरा करना होगा।
वर्ष में किसी एक संकाय में न्यूनतम 60 प्रतिशत क्रेडिट नहीं प्राप्त कर पाता है तो उसे बैचलर आफ लिबरल एजुकेशन की उपाधि दी जाएगी। यह उन विषयों में ही स्नातकोत्तर कर सकेगा। 75 अंकों की होगी लिखित परीक्षा
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