सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
69000 शिक्षक भर्ती : हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के कैविएट दाखिल करने के बाद अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करते हुए अपना पक्ष सुनने के लिए अपील की है।
अनारक्षित वर्ग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं। एक अभ्यर्थी की तरफ से तो दो चयनित अभ्यर्थी (शिक्षकों) की ओर से दाखिल की गई हैं। अभ्यर्थी विनय पांडेय ने बताया कि पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक ही भर्ती में दो बार आरक्षण न देने की बात कही है। हम इसे लेकर ही अपील कर रहे हैं कि एक ही भर्ती में कितनी बार आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो।

लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी मंगलवार को भी ईको गार्डन में धरने पर बैठे रहे। अभ्यर्थियों ने मांग की कि प्रदेश सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश का पालन करे, जिसके तहत सरकार को भर्ती की नई चयन सूची जारी करनी है। मगर अधिकारियों के ढीले रवैये के कारण अभी तक चयन सूची जारी नहीं की गई। इससे धरना दे रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के प्रति काफी आक्रोश है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र सिंह पटेल व विजय प्रताप यादव ने बताया कि दो सितंबर को ओबीसी, एससी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री आवास घेरने व महा धरने का आह्वान किया है। वहीं विक्रम यादव, धनंजय गुप्ता व अन्नू पटेल ने बताया कि ओबीसी, एससी समाज के कई संगठनों ने भी उनका समर्थन किया है।
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