डीएलएड परीक्षा से पहले सॉल्व कॉपी के साथ पकड़ा गया प्रयागराज का छात्रमैनपुरी।
डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दूसरे दिन शुक्रवार को परीक्षा से पहले ही प्रयागराज का एक छात्र सॉल्व कॉपी के साथ पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे व्हाट्सएप ग्रुप पर सॉल्व कॉपी मिली थी। प्रधानाचार्य और डायट प्राचार्य ने छात्र को पुलिस के हवाले कर दिया। प्रधानाचार्य की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शुक्रवार को प्रथम पाली में सुबह 10 बजे से डीएलएड प्रथम सेमेस्टर विज्ञान की परीक्षा थी। शहर के श्री चित्रगुप्त इंटर कॉलेज में डायट प्राचार्य मनमोहन शर्मा
मैनपुरी में केंद्र व्यवस्थापक की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा प्रश्नपत्र लेकर पहुंचे थे।
पेपर आउट कब और कैसे हुआ
पेपर शुरू होने से कुछ मिनट पहले केवीए महाविद्यालय बरनाहल का छात्र आशीष कुमार पुत्र प्रेमचंद निवासी प्रयागराज परीक्षा देने पहुंचा। गेट पर ही तलाशी के दौरान उसके हाथ पर कुछ अंक लिखे हुए थे। साथ ही जो कोड की तरह प्रतीत हो रहे थे। ये कोड 34114 था। वहीं प्रवेशपत्र पर पीछे तीन अति लघु उत्तरीय
प्रश्नों के उत्तर भी लिखे हुए थे। इसे देखकर प्रधानाचार्य डॉ. हिमांशू यादव और डायट प्राचार्य मनमोहन शर्मा को संदेह हुआ। पेपर
24 मिनट पहले ही ग्रुप पर आ गई थी सॉल्व कॉपी
परीक्षा 10 बजे शुरू होनी थी, लेकिन कालिंदी एक्सप्रेस नाम के व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर की सॉल्व कॉपी 24 मिनट पहले सुबह 9.36 पर ही वायरल हो गई थी। दरअसल सॉल्व कॉपी के साथ पकड़े गए छात्र आशीष से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो कुछ अन्य नाम भी सामने आए। उसने श्री चित्रगुप्त इंटर कॉलेज मैनपुरी में ही परीक्षा दे रहे दो अन्य साथियों के नाम भी पुलिस को बताए। बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप से दोनों साथियों को भी सॉल्व कॉपी मिली थी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने उन दोनों को भी हिरासत में ले लिया है। उनके बैग से मिले मोबाइल की जांच में कालिंदी एक्सप्रेस नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में सॉल्व कॉपी सुबह 9.36 बजे ही आ चुकी थी।
खुलते ही जब प्रश्नपत्र से उन्होंने मिलान किया तो बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर उसी क्रम में मिले जिस क्रम का कोड छात्र के हाथ पर अंकित था।
वहीं प्रवेश पत्र के पीछे लिखे अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तरों का मिलान भी प्रश्न संख्या 8, 11
और 18 से हूबहू हो रहा था। तत्काल छात्र से पूछताछ की गई तो पहले तो उसने टालने का प्रयास किया। कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया कि ये जवाब उसे मोबाइल पर कालिंदी एक्सप्रेस नाम के व्हाट्सएप ग्रुप पर मिले थे। छात्र को पुलिस के हवाले कर दिया।

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