69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत आंसर-की का मामला
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल तलब हाईकोर्ट
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत आंसर-की वाले अभ्यर्थियों को एक अंक देने के आदेश का अनुपालन नहीं करने एवं इस संदर्भ में और समय मांगे जाने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी को अगली सुनवाई पर तलब किया है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर याचियों को एक अंक देने के आदेश के अनुपालन के संबंध में जानकारी मांगी थी।
मंगलवार को 10 दिन का और समय मांगने को कोर्ट ने प्रथमदृष्टया घोर लापरवाही मानते हुए कहा कि आदेश का पालन करने में शासन से अनुमति की क्या आवश्यकता है और यदि अनुमति चाहिए थी तो तीन साल से अब तक क्यों नही कुछ किया गया। कोर्ट ने कहा कि अवमानना याचिका दाखिल न होती तो नंबर देने पर विचार भी नहीं होता। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मनोज कुमार व अन्य की अवमानना याचिका पर उनके अनुराग ट्रिपल, राहुल कुमार मिश्र व अन्य और सचिव नियामक परीक्षा के वकील को सुनकर दिया है।

हाईकोर्ट ने तीन वर्ष पूर्व 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में गलत उत्तर कुंजी वाले अभ्यर्थियों को एक अंक देने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। उसके बाद आदेश का अनुपालन नहीं होने पर अवमानना याचिकाएं दाखिल हुई।
बाल विवाह कराने वाले पुरोहित पर मुकदमा लिखें
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 वर्ष की बालिका की शादी करवाने वाले पुरोहित और विवाह का प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्था आर्य सनातन धर्म सेवा समिति आगरा के सचिव पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने फर्जी आयु प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर शादी करने वाले लड़के को अदालत से ही गिरफ्तार करवा कर संबंधित थाना अध्यक्ष को सौंपने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि इस बात की भी जांच की जाए कि फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाया गया। इसके साथ ही अदालत ने नाबालिग लडकी को बाल कल्याण समिति इटावा को सौंपने का निर्देश दिया है। बाल कल्याण समिति को लड़की की काउंसलिंग करने, उसे सुरक्षित स्थान पर रखने और पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए कहा है। कोर्ट ने एसएसपी इटावा को इस मामले की स्वयं निगरानी करने का निर्देश दिया है। 12 वर्षीय नाबालिग और उससे विवाह करने वाले युवक श्रवण की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने दिया। याचिका दाखिलकर कोर्ट से मांग की गई थी कि वह दोनों बालिक हैं तथा अपनी मर्जी से विवाह किया है।
वाद बिंदु तय अर्जी पर सुनवाई की मांग
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में
बुधवार को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि- - शाही ईदगाह विवाद को लेकर दाखिल दीवानी मुकदमों में पक्षकारों ने वाद बिंदु पेश किए तो मस्जिद पक्ष ने ने वाद बिंदु निर्धारण से पहले सभी मुकदमों की एकसाथ सुनवाई के आदेश को रिकॉल करने की अर्जी पर सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने इस रिकॉल अर्जी पर मंदिर पक्ष से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने बुधवार को दिया। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तारीख लगाई है। मस्जिद पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने कहा कि जनवरी 2024 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद से जुड़े सभी मुकदमों की एकसाथ सुनवाई का आदेश किया गया था। इस आदेश के रिकॉल की अर्जी दाखिल की गई थी।
बांके बिहारी मंदिर के रास्तों से अतिक्रमण हटाएं
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वृंदावन से बांके बिहारी मंदिर जाने वाले सभी रास्तों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सेवायतों से कहा कि मथुरा से वृंदावन जाने के कितने रास्ते हैं, इसकी जांच कर रिपोर्ट दाखिल करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति राम मनौहर नारायन मिश्र की खंडपीठ ने बांके बिहारी कॉरिडोर मामले को लेकर दाखिल अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अशोक गोस्वामी शयनभोग सेवा के मुख्य सेवायत की ओर से दलील दी गई कि कोर्ट के भीड प्रबंधन के आदेश का प्रशासन ठीक से पालन नहीं कर रहा है। इस आदेश का सहारा लेकर मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था को प्रभावित किया जा रहा है।
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