संविदा डॉक्टरों की भर्ती मामले में 15 से पूछताछ

विजिलेंस जांच| लखनऊ, संवाददाता। सीएमओ कार्यालय में एनएचएम के तहत संविदा पर हुई डॉक्टरों की भर्ती की विजलेंस जांच शुरू हो गई है। विजलेंस टीम ने भर्ती प्रक्रिया से जुड़े 15 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से पूछताछ की है। आरोप है कि संविदा भर्ती में एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी गई।
गोमती नगर निवासी व हाईकोर्ट अधिवक्ता विकास शुक्ला ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, विजिलेंस, ईडी आदि से भर्ती प्रक्रिया में धांधली की शिकायत की है। शिकायती पत्र पर मुख्यमंत्री ने डीएम को जांच के आदेश दिए थे। इसी क्रम में डीएम ने जांच
■ संविदा मर्ती में एक जाति को तरजीह का आरोप शिकायती पत्र पर सीएम ने दिए हैं जांच के आदेशकमेटी गठित की।
इसमें उच्च स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है। इस टीम ने जांच शुरू कर दी है। टीम ने कई साल से तैनात जिला प्रोग्राम मैनेजर समेत भर्ती से जुड़े कई अन्य के बारे में पता लगाया है। उनकी संपत्ति तथा आरोपों से जुड़े तथ्य जुटाए हैं। विजिलेंस ने भी भर्ती प्रक्रिया और भर्ती डॉक्टरों का ब्योरा जुटाया है। भर्ती प्रक्रिया से जुड़े हेल्थ कोऑर्डिनेटरों, डॉक्टरों समेत करीब 15 लोगों पूछताछ की है।
दो बड़ी परीक्षाएं आयोग के लिए बन गईं चुनौती
पीएससी प्री के साथ आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी टलने के आसार
प्रयागराज। परीक्षा केंद्रों की अनुपलब्धता के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) 27 अक्तूबर को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 को टालने की तैयारी में है। यह परीक्षा अब सात एवं आठ दिसंबर को कराने की तैयारी है, जिस पर इसी हफ्ते कोई निर्णय लिया जा सकता है।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा टलती है तो उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने एक नई चुनौती होगी। आयोग के कैलेंडर में 22 दिसंबर को समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 प्रस्तावित है, जिसके लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। वहीं, पीसीए प्रारंभिक परीक्षा 2024 के लिए 576154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
ऐसे में दोनों परीक्षाएं अगर दिसंबर में प्रस्तावित हो जाती हैं तो 14 दिनों के अंतर में आयोग के लिए इन प्रमुख परीक्षाओं का आयोजन बड़ी चुनौती होगा। आयोग ने आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा योजना में भी बदलाव किया है। ऐसे में यह परीक्षा भी कम से कम दो दिन में यूपीपीएससी प्रमुख परीक्षाओं के आयोजन पर इसी हफ्ते ले सकता है निर्णय एक तरह आयोग केंद्रों की शिक्षा सेवा चयन आयोग में छात्रों का प्रदर्शन आज
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में ढाई साल से लंबित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी भर्ती परीक्षा शीघ्र कराए जाने की मांग को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा। यह निर्णय रविवार को प्रतियोगी छात्र प्रतिनिधिमंडल और युवा मंच की संयुक्त बैठक में लिया गया। बैठक में शीतला प्रसाद ओझा, अनिल सिंह आदि मौजूद रहे।
पूरी कराई जा सकेगी। इसके अलावा अभ्यर्थी दोनों ही परीक्षाओं की तैयारियां करते हैं। अलग-अलग ज्यादातर अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने पीसीएस के साथ दो दिन परीक्षा कराने का विरोध
अनुपलब्धता के कारण प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित पीसीएस परीक्षा दो दिन कराने की तैयारी है, वहीं अभ्यर्थी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं और प्रत्येक सही सवाल पर उसके लिए निर्धारित पूरे अंक मिलते हैं। अलग-अलग दिनों में पेपरों में अलग-अलग सवाल भी पूछे जाएंगे और प्रश्नपत्रों के स्तर में भी अंतर होगा। ऐसे में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का एक समान मूल्यांकन कैसे किया जा सकेगा। आखिर ऐसा कौन सा फार्मूला है, जिसके माध्यम से आयोग सभी अभ्यर्थियों का एक समान मूल्यांकन कर सकता है।
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए भी आवेदन किए हैं। अगर 14 दिनों के अंतर में दोनों परीक्षाएं कराई जाती हैं तो इससे अभ्यर्थियों की परीक्षा संबंधी तैयारियों पर भी असर पड़ेगा। आयोग के सूत्रों का कहना है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा अगर सात एवं आठ दिसंबर को कराई जाती है तो 22 दिसंबर को प्रस्तावित आरओ/एआरओ परीक्षा टालनी पड़ सकती है।
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