पार्ट टाइम पीएचडी के लिए अब अधिक फीस लगेगी

लखनऊ। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में पार्ट टाइम (अंशकालिक) पीएचडी के लिए ज्यादा फीस वसूली जाएगी। कई विश्वविद्यालयों ने सेमेस्टरवार फीस भी तय कर दी है। यह फीस पूर्णकालिक पीएचडी छात्र-छात्राओं और पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले विश्वविद्यालय या महाविद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से ली जाने वाली फीस से ज्यादा है। विश्वविद्यालयों ने प्रायोगिक और गैर प्रायोगिक विषयों के आधार पर दो श्रेणियों में बांटकर फीस तय की है, जो तीन वर्गों के लिए अलग-अलग है। इसमें फुल टाइम रेगुलर, विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के पार्ट टाइम पीएचडी करने वाले शिक्षक व कर्मचारी, अन्य सरकारी सेवाओं और निजी सेवाओं में कार्यरत लोग शामिल हैं।
■ राज्य विवि तय कर रहे हैं अलग-अलग शुल्क
■ दो श्रेणियों में बांटकर तय की गई है फीस
शिक्षा सेवा चयन आयोग में देवेंद्र ने संभाला परीक्षा नियंत्रक का पद
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के प्रथम परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को कार्यभार संभाल लिया। उनकी इस पद पर तीन साल के लिए नियुक्ति की गई है। देवेंद्र के कार्यभार संभालने के बाद वर्षों से लंबित असिस्टेंट प्रोफेसर तथा टीजीटी पीजीटी के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाओं की तारीख जल्द घोषित होनेकी उम्मीद जगी है। प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती अब आयोग करेगा। आयोग के गठन के बाद अध्यक्ष, सदस्यों, सचिव समेत अन्य पदों पर नियुक्तियां कर दी गई हैं लेकिन परीक्षा नियंत्रक का पद अभी तक खाली चल रहा था।
इसकी वजह से भर्ती परीक्षाओं की तारीखों समेत कई अन्य महत्वपूर्ण
निर्माण नहीं हो पा रहे थे। इन निर्णयों में परीक्षा नियंत्रक की अहम होती है। इसकी वजह से असिस्टेंट प्रोफेसर, टीजीटी-पीजीटी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही। जबकि, इनके लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। शासन की ओर से उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के देवेंद्र प्रताप सिंह को शिक्षा सेवा चयन आयोग में परीक्षा नियंत्रक बनाए जाने संबंधी आदेश 23 सितंबर को ही जारी हो गया था।
देवेंद्र प्रताप सिंह

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