निबंधन मित्र बनाकर 20 हजार युवाओं को रोजगार देगी सरकार

प्रस्ताव को दिया जा रहा अंतिम रूप, जल्द कैबिनेट में रखा जाएगा अभिषेक गुप्ता
लखनऊ। प्रदेश में पहली बार बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर खोलने के लिए प्रदेश सरकार निबंधन मित्रों की नियुक्ति करेगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इससे न्यूनतम 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इनमें महिलाओं की अच्छी संख्या होने की उम्मीद है। देश में अपनी तरह का यह पहला प्रयोग होगा।
निबंधन मित्र रजिस्ट्री व प्रापर्टी संबंधी दस्तावेज तैयार करेंगे। इससे पहले उन्हें सरकार की तरफ से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद यूनीक आईडी नंबर के साथ लाइसेंस दिया जाएगा। एक रजिस्ट्री का पेपर तैयार करने के लिए निबंधन मित्रों को दो हजार रुपये फीस तय करने का प्रस्ताव है। वहीं, गलत डीड के लिए जवाबदेही भी निबंधन मित्रों की होगी।
वर्तमान में रजिस्ट्री की डीड करने के लिए तीन विकल्प हैं। आवेदक स्वयं स्टांप डीड तैयार करे। किसी अधिवक्ता की मदद से डीड बनाए या फिर डीड राइटर से रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार कराए। अब सरकार निबंधन मित्रों के रूप में चौथा विकल्प देगी। सूत्रों के मुताबिक संबंधित प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
निबंधन मित्र की न्यूनतम पात्रता स्नातक होगी। उसके ऊपर कोई आपराधिक मुकदमा दायर न ये होगी पात्रता हो। सरकार प्रशिक्षण के बाद एक लाइसेंस नंबर देगी। लाइसेंस बनाए रखने के लिए वर्ष में न्यूनतम पांच रजिस्ट्री करनी होगी।
■ निबंधन मित्र की भी तय होगी जवाबदेही : निबंधन मित्र की
जवाबदेही भी तय होगी। प्रत्येक रजिस्ट्री से पहले प्रापर्टी का भौतिक परीक्षण करना होगा। साल में पांच गलत डीड पाए जाने पर नोटिस जारी किया जाएगा। जिसका जवाब उसे डीएम को देना होगा। अपना पक्ष रखने के लिए आईजी स्टांप को भी नोटिस का जवाब देना होगा।
घर से कर सकेंगे काम
निबंधन मित्र के लिए कचहरी में किसी ऑफिस की जरूरत नहीं होगी बल्कि घर से भी काम कर सकेंगे।
एक डीड तैयार करने के लिए रजिस्ट्री मूल्य का एक फीसदी या दो हजार रुपये में जो भी कम होगा, फीस के रूप में देय होगा।
■ इसके अलावा दस्तावेजों की जांच के रूप में 50 रुपये प्रति दस्तावेज फीस का प्रस्ताव है।
■ यूपी में एक वर्ष में करीब 38 लाख स्टांप पंजीयन होते हैं।
अनुमान है कि एक निबंधन मित्र की सालाना न्यूनतम आय तीन लाख रुपये तक होगी।
पीएम इंटर्नशिप में यूपी के 8506 युवाओं को मिलेगा मौका
अभ्यर्थी अड़े तो आयोग ने भी बंद की बात, 3 छात्र नेता भेजे गए जेल
यूपीपीएससी पर तीसरे दिन भी जारी रहा धरना, आईडी मांगने पर भड़के छात्र, पुलिस से झड़प
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने अभ्यर्थियों का धरना लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। अपनी मांग पर अड़े अभ्यर्थियों का रुख देखते हुए आयोग ने छात्रों से कोई संवाद नहीं किया। इस बीच गिरफ्तार किए गए सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय महासचिव समेत तीन छात्र नेता बुधवार को जेल भेज दिए गए। वहीं, धरना स्थल की ओर जाने पर आईडी मांगने वाले पुलिस कर्मियों से छात्रों की तीखी झड़प हुई।
धरने के पहले और दूसरे दिन डीएम, पुलिस आयुक्त, आयोग के सचिव ने छात्रों से कई बार संवाद किया। अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया। सचिव की ओर से दो बार यह बयान भी जारी किया गया कि परीक्षा नियत समय पर ही होगी। इतने प्रयासों के बाद भी बात नहीं बनी और अभ्यर्थी लगातार तीसरे दिन भी धरने पर डटे रहे।
अभ्यर्थियों और आयोग के बीच संवाद का माध्यम बने आयोग के बाहर लगे लाउड स्पीकर बुधवार को पूरी तरह खामोश रहे लेकिन आयोग और
यूपी लोक सेवा आयोग के गेट पर प्रदर्शन करते प्रतियोगी छात्र-छात्राएं। अमर उजाला
छात्रों ने मनाया काला दिवस आंदोलनकारी छात्रों ने बुधवार को काला दिवस मनाया। तमाम छात्र काले कपड़े पहनकर धरना स्थल पर पहुंचे। वहीं, बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपने अपने एकाउंट को भी काले रंग से प्रदर्शित करते हुए विरोध दर्ज कराया।
हटाए जाने की आशंका से रात में बढ़ी छात्रों की संख्या आंदोलन के पहले दिन सोमवार को रात के वक्त छात्रों को संख्या कुछ कम हो गई थी लेकिन दूसरे दिन मंगलवार सुबह जब पुलिस अफसरों ने छात्रों को सिविल लाइंस स्थित धरना स्थल पर शिफ्ट होने की सलाह दी तो छात्रों को आशंका हुई कि रात के वक्त संख्या में होने पर पुलिस बल प्रयोग कर उन्हें उठा सकती है। ऐसे में अब रात के वक्त भी आंदोलनकारी छात्र बड़ी संख्या में धरना स्थल इकट्ठा हो रहे हैं।
आसपास का क्षेत्र आंदोलन के शोर से गूंजता रहा। पीसीएस व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने करने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों ने साफ कर दिया कि उन्हें संवाद नहीं, समस्या का समाधान चाहिए।
वहीं, होर्डिंग में तोड़फोड़ व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए छात्र नेता राघवेंद यादव व अभिषेक और धारा 151 में गिरफ्तार किए गए शशांक को बुधवार को जेल भीतर
छात्रों से संवाद का लगातार प्रयास किया जा रहा है। छात्रों से यह भी कहा गया है कि उनके पास नॉर्मलाइजेशन का कोई फॉर्मूला हो तो बताएं, उस पर आयोग विचार करेगा। इसके लिए आयोग ने ईमेल आईडी भी जारी की है। अभ्यर्थियों की शंकाओं के समाधान के लिए उनके प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए भी बुलाया गया लेकिन छात्रों की तरफ से कोई नेतृत्वकर्ता अभी सामने नहीं आया है।
जहां तक परीक्षा की बात है तो आयोग स्पष्ट कर चुका है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 अपने नियत समय पर होगी। अशोक कुमार सचिव, यूपीपीएससी भेज दिया गया।
इनकी गिरफ्तारी से छात्रों में नाराजगी भी दिखी। आंदोलन स्थल से 100 मीटर दूर टीबी सप्रू रोड पर लगे बैरियर के पास अभ्यर्थियों से आईडी मांगने पर पुलिस से उनकी तीखी झड़प हुई। कैसे आंदोलनकारी बना दिया |
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