पुरानी पेंशन के लिए शिक्षकों का जेल भरो आंदोलन दो से
लखनऊ। उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ पुरानी पेंशन की बहाली, तदर्थ शिक्षकों का नियमितीकरण, कैशलेश इलाज समेत 18 सूत्री मांगों के निस्तारण को लेकर दो दिसम्बर से जेल भरो आन्दोलन करेगा। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व एमएलसी चेत नारायण सिंह ने कहा कि तीन दिवसीय जेल भरो आन्दोलन का आगाज विधान भवन के सामने से होगा। रविवार को योजना भवन निकट स्थित प्रदेश कार्यालय शिक्षक सदन में आयोजित बैठक में संघ के प्रदेशीय पदाधिकारियों ने जेल भरो आन्दोलन पर सहमति जतायी।

प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि शिक्षकों की लंबित मांगों पर शिक्षा विभाग के अफसर और सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व में शिक्षक संघ मांगों के निस्तारण को लेकर जिल मुख्यालय, मण्डलीय मुख्यालय और
■ तदर्थ शिक्षकों की नियमितीकरण, कैशलेश इलाज समेत 18 मांगें
शिक्षक सदन में हुई बैठक में पदाधिकारियों ने लिया फैसला
पार्क रोड स्थित शिक्षा निदेशक शिविर कार्यालय पर 22 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद अभी तक सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। इससे शिक्षकों में आक्रोश है।
आन्दोलन में प्रदेश भर के शिक्षक शामिल होंगे। संघ के महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने कहा कि यदि इस बीच विभाग व शासन की ओर से वार्ता के लिए संपर्क किया जाता है, तो संगठन वर्ता करने को तैयार है। बैठक में संगठन के कोषाध्यक्ष महेश चन्द्र शर्मा, रामानंद त्रिवेदी, प्रांतीय मंत्री राम मोहन सिंह, मुन्ना मिश्रा, रजनीश सिंह व राकेश सिंह आदि शामिल हुए।
पुरानी पेंशन बहाली व संस्थाओं का निजीकरण को बंद करने की मांग
अटेवा पेंशन बचाओ मंच की बैठक में बनी रणनीति
लखनऊ। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा है कि एनपीएस से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का बुढापा अंधकारमय हो गया है।
वही सरकार ने यूपीएस लाकर एक और नासूर पैदा कर दिया है। इसके कारण आज देश का शिक्षक, कर्मचारी, अर्द्धसैनिक बल का जवान सेवानिवृत्त होने के बाद दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
वह रविवार को मंच के प्रदेश, मंडल, जिला संयोजकों, पदाधिकारियों की बैठक को सदर
संसद सत्र के दौरान दिल्ली में बैठक भी करेंगे कर्मचारी संगठन
स्थित चौधरी चरण सिंह सभागार में संबोधित कर रहे थे। अटेवा के संघर्ष की बदौलत ही अभी तक सरकार यूपीयस का ड्राफ्ट नहीं लेकर आ पाई। इसका देशव्यापी विरोध जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि अटेवा निजीकरण के खिलाफ है। संस्थाओं का निजीकरण बंद हो, सरकारी संस्थाओ को मजबूत किया जाए ताकि निम्न और मध्यवर्ग मजबूत हो सके।
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