बीपीएससी को 21166 सीटों पर नहीं मिले शिक्षक

पटना। बिहार सरकार विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पिटारा खोले हुए है। पर योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। इसबार तीसरे चरण में बीपीएससी ने 87774 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था। पर तीसरे चरण में 66608 शिक्षक अंतिम रूप से चयनित हो सके। शेष 21166 शिक्षकों के पद रिक्त रह गए।
इसमें भी सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जो पहले से भी प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में चयनित हैं। ऐसी स्थिति में चौथे चरण में शिक्षकों की रिक्तियों की अच्छी संख्या में आएगी। पहले ही 21 हजार से अधिक रिक्तियां बची है। सरकार जिलाबार रिक्तियां फिर से नियोजन ईकाइयों से लेगी। इसका आंकलन के बाद विद्यालयों में पदो में शिक्षकों के पद को सृजित करेगी। उम्मीद जाहिर की जा रही है चौथे चरण में भी 50 हजार से अधिक रिक्तियां आएंगी।
विज्ञान और भाष विषय में नहीं मिल रहे हैं योग्य शिक्षकः विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई विषयों में योग्य शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। इसमें खासकर विज्ञान विषय में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में कम शिक्षक मिल रहे हैं। इसके अलावा भाषा के कई विषयों में शिक्षक नहीं मिले। एससी, एसटी, दिव्यांग कोटे में शिक्षक कम मिल रहे हैं। इनकी सीटें खाली रह जा रहे हैं। इसके अलावा विज्ञान और भाषा विषय में सामान्य श्रेणी से लेकर प्रत्येक श्रेणी में योग्य उम्मीदवार सीट से कम मिले हैं। उच्च माध्यमिक में विज्ञान विषय को देखा जाए तो वनस्पति शास्त्र में 1485 रिक्तियों के विरुद्व 566, जंतु विज्ञान विषय में 777 रिक्तियों के विरुद्व 625 सफल हुए, भौतिकी विषय में 1961 रिक्तियों से एक गुणा अभ्यर्थी 441 ही सफल हो सके। इसके अलावा गणित विषय में 1220 रिक्तियों में 779 को सफलता मिली। सबसे कम रिजल्ट रसायन शास्त्र में हुआ। इसमें 3742 में 273 ही सफल हो सके।
तीसरे चरण में शिक्षा विभाग ने 87774 पदों के लिए निकाला था विज्ञापन
योग्य शिक्षक नहीं मिले। GG इस इसी वजह से शिक्षकों के पद रिक्त रह गए। सबसे खराब स्थिति विज्ञान विषय की है। खासकर कैमेस्ट्री में मिनियम अंकों पर चयन किया गया है। इसमें 3742 रिक्तियों में 273 ही सफल हो सके। इसी तरह से विज्ञान के अन्य विषयों की स्थिति है। भाषा विषय में भी शिक्षक नहीं मिले हैं। सत्य प्रकाश शर्मा, सचिव बीपीएससी
आशुलिपिक-निम्नवर्गीय लिपिकों का मानदेय बढ़ा
पटना। बिहार में संविदा पर कार्यरत आशुलिपिक और निम्न वर्गीय लिपिकों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, आशुलिपिक को अब 30 हजार रुपये और निम्न वर्गीय लिपिक को 25 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किया। आशुलिपिक को यह लाभ 8 सितंबर 2023 और निम्न वर्गीय लिपिक को 1 दिसंबर 2024 से मिलेगा। विभिन्न विभागों में करीब एक हजार संविदाकर्मी आशुलिपिक और निम्नवर्गीय लिपिक हैं।
विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंदर ने निर्देश दिया कि संविदा वालों के मानदेय निर्धारण के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति है। इसमें विचार-विमर्श के बाद सभी संविदा वाले आशुलिपिक एवं निम्न वर्गीय लिपिकों के मानदेय को फिर से तय करने की अनुशंसा की गई है।
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