स्वास्थ्य विभागः 7341 पदों पर मार्च तक पूरी होगी बहाली

पटना। बिहार के सरकारी अस्पतालों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मानव संसाधन की कमी दूर होगी। राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से राज्य में 7341 पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इनको लेकर पिछले साल ही विज्ञापन जारी किए गए थे। इनकी बहाली की प्रक्रिया मार्च 2025 तक प्रक्रिया पूरी कर लेने की तैयारी है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बहाली में 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी और 2619 आयुष चिकित्सक के साथ ही 220 नेत्र सहायक के पद भी शामिल हैं। डिप्टी डायरेक्टर, एच एंड फायनेंस, सहायक निदेशक, मानव संसाधन, लॉजिस्टिक मैनेजर, टेक्निकल ऑफिसर, कंसल्टेंट सीपीएचसी, कंसल्टेंट फाइनेंस, स्टेट कंसल्टेंट क्वालिटी, स्टेट कंसल्टेंट ब्लड सेल, सॉफ्टवेयर डेवलपर कम सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर के 1-1 पदों, इंटोमोलोजिस्ट के दो पदों पर बहाली की जानी है। राज्य स्वास्थ्य समिति के अनुसार, इन 12 पदों में 8 पदों पर बहाली की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। शेष रिक्त पदों की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
सीएचओ एवं आयुष चिकित्सक पदों पर दोबारा परीक्षा लेने पर मंथन : सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी होने के बाद उसे रद्द कर दिया गया था। अब दोबारा इन पदों के लिए परीक्षा आयोजित किए जाने को लेकर मंथन हो रहा है।
आयुष चिकित्सकों के रिक्त पदों पर बहाली की प्रक्रिया को भी स्थगित कर दिया गया था। इन दोनों पदों पर बहाली को लेकर जल्द ही निर्णय लेने की संभावना है।
2619 आयुष चिकित्सकों के पद हैं रिक्त
आयुष मेन स्ट्रीम और राज्य बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पूर्व में संविदा पर बहाल चिकित्सकों के नियमित नियुक्ति होने के कारण 2619 रिक्त हो गए हैं। इन पदों पर नये सिरे से संविदा पर बहाली होने से नये आयुष चिकित्सकों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वर्तमान में इन योजनाओं के तहत पूर्व में बहाल 98 आयुष चिकित्सक कार्यरत हैं।
बिना आपत्ति टाइप टेस्ट निरस्त करने का विरोध
प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा- थी। 2024 के तहत 18 जनवरी को दूसरी शिफ्ट में आयोजित टाइपिंग टेस्ट (डाटा एंट्री स्पीड टेस्ट) को तकनीकी खामियों की वजह से निरस्त किए जाने का विरोध किया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने उनसे बिना आपत्ति लिए परीक्षा कैसे निरस्त कर दी।
फिलहाल, आयोग ने यह परीक्षा अब 31 जनवरी को अपराह्न एक बजे से कराने का निर्णय लिया है, जिसके लिए प्रवेश पत्र 27 जनवरी को जारी किए जाएंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि जिनका का टाइप टेस्ट अच्छा हुआ था, अब उन्हें भी दोबारा परीक्षा देनी होगी। यह अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग
को परीक्षा निरस्त करने से पहले परीक्षार्थियों से आपत्ति लेनी चाहिए
यह मांग भी की जा रही है कि जिन अभ्यर्थियों की परीक्षा अच्छी हुई थी, उनके लिए पुनर्परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्यता न रखी जाए। साथ ही पुनर्परीक्षा अब महाकुंभ के बाद कराई जाए। परीक्षा में शामिल रोहित लाल का तर्क है कि 18 जनवरी को जब परीक्षा हुई थी तो महाकुंभ में यातायात प्रतिबंध के कारण अभ्यर्थियों को झुंसी, नैनी व फाफामऊ में बने सेंटर तक पहुंचने में काफी दिक्कत हुई थी। सेंटर तक पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा था।
अब 31 जनवरी को पुनर्परीक्षा में अभ्यर्थियों को सेंटर तक पहुंचने में फिर इस समस्या का सामना करना पड़ेगा।
0 Comments
नमस्कार अगर आप को जानकारी अच्छा लगे तो हमें कमेंट और फॉलो करे |