परीक्षा केन्द्र के स्ट्रांग रूम का पहरा बढ़ेगा, प्रश्न पत्र के लिए तीन अलमारी

निजी स्कूलों में बने केन्द्रों में परीक्षार्थियों की सुविधाओं और मानकों का होगा सत्यापन
लखनऊ। यूपी बोर्ड के परीक्षा केन्द्र में बनने वाले स्ट्रांग रूम की कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इस बार स्ट्रांग रूम में प्रश्न पत्र रखने के लिये दो की जगह तीन अलमारी होंगी। केंद्रों पर लगे सीसी कैमरे की रिकार्डिंग क्षमता बढ़ाने और परीक्षा का रिजल्ट आने तक सुरक्षित रखना होगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बार यह बदलाव किया है। निजी स्कूलों में परीक्षा केन्द्रों में परीक्षार्थियों से जुड़ी सविधाओं और मानकों का सत्यापन होगा। सत्यापन के काम में राजकीय स्कूलों के प्रधानाचार्यों को लगाया गया है।
डीआईओएस राकेश कुमार ने बताया कि स्ट्रांग रूम की निगरानी को लेकर सख्त कदम उठाए गए हैं। इस बार तीन अलमारी रखी जाएंगी। एक अलमारी में हाईस्कूल और दूसरी में इंटर और तीसरी अलमारी में दोनों के खुले हुए प्रश्न पत्र रखे जाएंगे। स्ट्रांग रूम समेत परीक्षा केन्द्र की निगरानी 24 घंटे सीसी कैमरे से होगी। केन्द्र व्यस्थापकों को रिकार्डिंग की क्षमता बढ़ाने और परीक्षा के रिजल्ट जारी जाने तक इसे सुरक्षित रखने के निर्देश दिये गए हैं।
डीआईओएस राकेश कुमार का कहना है कि केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के बैठने के इंतजाम, कमरे में पर्याप्त रोशनी, पेयजल, शौचालय समेत अन्य मानक परखने के लिये सत्यापन कराया जा रहा है। यह सभी व्यवस्थाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधकों की है। राजकीय कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को लगाया गया है। एक हफ्ते में सत्यापन
की कार्रवाई पूरी करनी है। यदि किसी केन्द्र में मानक के अनुरुप सुविधाएं एवं अन्य कोई समस्या मिलती है, तो केन्द्र को बदला भी जा सकता है।
मनोवैज्ञानिक की सलाहः अभ्यास का विकल्प नहीं
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक परीक्षाओं की समयसारिणी जारी होने के साथ छात्रों एवं उनके अभिभावकों में तनाव और चिंता बढ गई है। बोर्ड मुख्यालय में स्थापित हेल्पडेस्क और मनोविज्ञानशाला की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर कई विद्यार्थी और अभिभावक विषय के साथ ही मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क कर रहे हैं। यूपी बोर्ड के उप सचिव और मनोवैज्ञानिक डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी के अनुसार, कई बार बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव अथवा तुलना किए जाने के भय से छात्र अपना दैनिक समायोजन खो देते हैं,
जिससे मानसिक समस्याओं जैसे तनाव, कुंठा, अनिद्रा, भय और चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक तरीके हैं, जिनको अपनाकर परीक्षा के डर को समाप्त करके सफलता प्राप्त की जा सकती है।
सकारात्मक विचारों से भय को मात दें। यह बिल्कुल नहीं महसूस करें कि यह कोई अनोखी या अलग परीक्षा है, यह भी हर साल होने वाली परीक्षा की तरह आपको पढ़ाए गए पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। समय का सही प्रबंधन कर लें। समयसारिणी बनाएं। सभी विषय को जरूरत के अनुसार समय दें, दोहराने का भी अवसर रखें। अभ्यास का कोई विकल्प नहीं होता। हर विषय को अभ्यास का समय दें।
लखनऊ में बनाए गए 126 परीक्षा केन्द्र
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च के बीच होनी हैं। लखनऊ में आदर्श कारागार समेत 126 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 1.03 लाख छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। हर केंद्र की क्षमता के अनुसार परीक्षार्थी आवंटित किये गए हैं। सभी केंद्र व्यवस्थापकों से पेयजल, शौचालय और बच्चों के बैठने से लेकर कक्ष में पर्याप्त रोशनी अन्य सुविधाओं का ब्योरा मांगा गया है।
अभ्यास का विकल्प नहीं, करें रिवीजन
प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक परीक्षाओं की समयसारिणी जारी होने के साथ छात्रों एवं उनके अभिभावकों में तनाव और चिंता बढ़ गई है। बोर्ड मुख्यालय में स्थापित हेल्पडेस्क और मनोविज्ञानशाला की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर कई विद्यार्थी और अभिभावक विषय के साथ ही मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क कर रहे हैं।
यूपी बोर्ड के उप सचिव और मनोवैज्ञानिक डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी के अनुसार, कई बार बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव अथवा तुलना किए जाने के भय से छात्र अपना दैनिक समायोजन खो देते हैं, जिससे मानसिक समस्याओं जैसे तनाव, कुंठा, अनिद्रा,
■ यूपी बोर्ड मुख्यालय में परीक्षा के लिए हेल्पडेस्क पर आ रहे सवाल
भय और चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक तरीके हैं, जिनको अपनाकर परीक्षा के डर को समाप्त करके सफलता प्राप्त की जा सकती है।
अभ्यास का कोई विकल्प नहीं होताः हर विषय क्षेत्र को उचित अभ्यास का समय दें। सभी के मॉक टेस्ट जरूर दें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और अपनी परफोर्मेस भी ज्ञात कर पाएंगे। यह फीडबैक आपको बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा।
सकारात्मक विचारों से भय को मात देंः यह बिल्कुल नहीं महसूस करें कि यह कोई अनोखी या अलग परीक्षा है, यह भी हर साल होने वाली परीक्षा की तरह ही आपको पढ़ाए गए पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। जब बार-बार आप मन में इस बात को दोहराएंगे तो सहज हो जाएंगे और बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे।
बेहतर समय प्रबंधनः परीक्षा के ठीक पहले के दबाव से बचने के लिए जरूरी है समय का सही प्रबंधन अभी से कर लें। एक समयसारिणी बनाए और सभी विषय को जरूरत के अनुसार समय दें, पाठ्यक्रम को दोहराने का भी अवसर बनाकर रखें। जब आंतरिक इच्छा से पढ़ते हैं तो पढ़ी हुई बातें दिमाग में संरक्षित हो जाती है और परीक्षा कक्ष में आसानी से याद आ जाती है।
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