प्री से पहले देने होंगे आयु व आरक्षण संबंधी कागजात

सिविल सेवा : यूपीएससी ने बदले परीक्षा नियम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब उम्मीदवारों को आवेदन करते समय ही आयु और आरक्षण संबंधी दावों के समर्थन में दस्तावेज पेश करना जरूरी होगा। पहले यह दस्तावेज प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद जमा करने होते थे।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेड़कर से जुड़े विवाद के बाद यह कदम उठाया है। खेड़कर पर सरकारी सेवा में चयन सुनिश्चित करने के लिए धोखाधड़ी, गलत तरीके से ओबीसी और विकलांगता कोटा का लाभ लेने के आरोप लगे थे।
यूपीएससी की ओर से 22 जनवरी को जारी नियम के तहत जन्म तिथि का प्रमाण, आरक्षण श्रेणी, शैक्षिक योग्यता, सेवा वरीयता के संबंध में दस्तावेज ऑनलाइन आवेदन पत्र के साथ जमा करने होंगे।
राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों का होगा मूल्यांकन
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने बनाया पोर्टल, जल्द होगा लॉन्च, हर माह सबसे अच्छे को ए और सबसे खराब को डी ग्रेड देंगे
लखनऊ। प्रदेश के राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के कामकाज का अब हर महीने मूल्यांकन होगा। इन संस्थानों के कामकाज को बेहतर बनाने और आपसी सहयोग व प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए मूल्यांकन कर रैंकिंग भी जारी की जाएगी। इसका पोर्टल स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एसईआरएफ) लॉन्व कर जल्द ही इसकी विधिवत शुरुआत की जाएगी।
प्रदेश में 147 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान हैं। पिछले कुछ सालों में यहां पर पठन-पाठन से जुड़ी चीजों में अपेक्षाकृत सुधार की कवायद तेज हुई है। हालांकि बेहतर परिणाम नहीं मिल रहे हैं। वहीं, उद्योगों से सीधे जुड़ाव न होने के कारण कम संख्या में विद्यार्थी
दाखिले ले रहे हैं। इस साल 3.50 लाख सीटों के सापेक्ष लगभग एक लाख विद्यार्थियों ने ही दाखिले लिए हैं। इसके मद्देनजर अब सुधार की कवायद तेज हुई है।
प्राविधिक शिक्षा विभाग एकेडमिक, प्रशासनिक, शिक्षकों के शोध आदि से जुड़ी चीजों के आधार पर इन संस्थानों का मूल्यांकन करेगा। संस्थान ही अपनी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
इसके आधार पर हर महीने संस्थानों को ए, बी, सी व डी ग्रेड दिए जाएंगे। ए सबसे अच्छा और डी सबसे खराब ग्रेड है। इसके बाद कमजोर संस्थानों को सहयोग कर उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास भी किया जाएगा।
इन क्षेत्रों व आधार पर होगा मूल्यांकन
महानिदेशक प्राविधिक शिक्षा अविनाश कृष्ण सिंह ने बताया कि पॉलीटेक्निक संस्थानों के मूल्यांकन में स्टाफ, परिणाम, प्लेसमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, हॉस्टल की सुविधा, पठन-पाठन में इनोवेशन, पेपर पब्लिकेशन, आदि चीजें शामिल की गई हैं। एकेडमिक्स, फैकेल्टी, छात्र उपस्थिति, पढ़ाई की व्यवस्था, कार्यशाला व प्रकाशन देखा जाएगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेस, लाइब्रेरी, क्लास की सुविधाएं, वर्कशॉप, लैब, लैब में छात्र कितना समय दे रहे हैं, इसे भी देखेंगे। इसी तरह उद्योगों से कनेक्ट, प्लेसमेंट आदि पर देखा जाएगा। इसी तरह इनोवेशन, इनक्यूबेशन, सांस्कृतिक गतिविधियां, खेलकूद आदि से जुड़ीं चीजें भी देखी जाएंगी।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने इसके लिए पोर्टल तैयार कराया गया है। जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा। पहले चरण में हर महीने रैंकिंग जारी होगी। साथ ही साल के अंत में फाइनल रैंकिंग भी जारी की जाएगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने पहले चरण में राजकीय संस्थानों को लिया गया है। बाद में इसमें अन्य संस्थानों को भी शामिल किया जाएगा।
राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, उनके सुपरविजन और आपस में ज्ञान के आदान-प्रदान करने आदि के लिए यह कवायद की जा रही है। इसमें जो संस्थान कमजोर होंगे, उनको बेहतर बनाने में सहयोग भी करेंगे। इसके माध्यम से विद्यार्थियों के रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे।
अजय कृष्ण सिंह, प्रयोगशाला, प्रावैधिक शिक्षा
0 Comments
नमस्कार अगर आप को जानकारी अच्छा लगे तो हमें कमेंट और फॉलो करे |