आधार कार्ड या मान्य पहचान पत्र लेकर जाएंगे प्रायोगिक परीक्षक

इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड सचिव के निर्देश
प्रयागराज वर्ष 2025 की इंटरमीडिएट की प्रथम चरण की प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए नियुक्त परीक्षकों के नियुक्ति पत्र एवं अन्य प्रपत्र क्षेत्रीय कार्यालयों में उपलब्ध करा दिए गए हैं। इन प्रपत्रों की विधिवत जांच प्रयोगात्मक अनुभाग के सहायकों प्रशासनिक अधिकारी द्वारा कराने के निर्देश बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों को दिए हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कराने को कहा है कि परीक्षक अपने साथ आधार कार्ड अधवा मान्य पहचान पत्र आवंटित विद्यालय में अवश्य ले जाएं।
सचिव ने कहा कि परीक्षकों के जो प्रपत्र क्षेत्रीय कार्यालयों को प्राप्त हुए हैं, उसमें नियुक्ति पत्र की एक प्रति, विद्यालयों के फारवर्डिंग एवं शिफ्टिंग पत्र की दो प्रति, विद्यालयवार नियुक्त परीक्षकों की सूची दी प्रति, परीक्षक सूची एवं प्रतीक्षा सूची की तीन-तीन प्रतियां हैं। क्षेत्रीय कार्यालय परीक्षकों के प्रपत्रों के परीक्षण में सुनिश्चित कराएंगे कि परीक्षकों की नियुक्ति
प्रधानाचार्य द्वारा परिषद के पोर्टल पर अपलोड कराई गई सूचनाओं के आधार पर की गई है। यदि कोई विसंगति मिलती है तो उसे कार्यालय स्तर पर ही संशोधित करेंगे। इसके अलावा केंद्रों पर पहुंचने पर परीक्षकों के पहचान पत्र की छायाप्रति विद्यालय के प्रधानाचार्य अभिलेख के रूप में अपने पास सुरक्षित रखेंगे। प्रयोगात्मक परीक्षा का प्रथम चरण 23 जनवरी से प्रारंभ होगा, इसलिए, परीक्षकों के प्रपत्रों को जिला विद्यालय निरीक्षकों को 15 जनवरी तक उपलब्ध कराने के निर्देश क्षेत्रीय अपर सचिवों को दिए गए हैं, ताकि वे उसे जनपद के सभी विद्यालयों को तत्काल वितरित करा सकें। परीक्षा सीसीटीवी की निगरानी में कराई जाएगी।
प्रायोगिक परीक्षा के लिए बनाया गया एप परीक्षण में पास
प्रयागराज यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा में पहली बार परीक्षक एप के माध्यम से परीक्षार्थियों को अंक प्रदान करेंगे। इसके लिए बनाया गया एप शनिवार को 23 विद्यालयों में परीक्षण के दौरान पास हो गया। विद्यालयों में जाकर यूपी बोर्ड के 11 उपसचिवों ने एप के माध्यम से पोर्टल पर अंक प्रदान किए। डाटा फीडिंग और फोटो भी अपलोड करने की प्रक्रिया पूर्ण हुई।
प्रायोगिक परीक्षा के लिए केंद्रों पर परीक्षकों का जाना सुनिश्चित करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने पहली बार एप तैयार कराया है। इस एप के माध्यम से परीक्षकों को विद्यालय से ही अंक प्रदान करने होंगे, क्योंकि विद्यालय से 200 मीटर दूर जाने पर एप के माध्मय से अंक नहीं दिए जा सकेंगे। परीक्षण में पास हो जाने के बाद अब एप के उपयोग करने के बारे में परोक्षकों को जानकारी दी जाएगी। संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं वहां के आंतरिक परीक्षक के साथ सेल्फी कैसे अपलोड करनी होगी। यूपी बोर्ड के अपर सचिव (पाठ्यपुस्तक) सत्येंद्र सिंह ने बताया कि विद्यालयों में किए गए परीक्षण में एप के पूरी तरह ठीक काम करने को रिपोर्ट मिली है।
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