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मार्कशीट में विषय का पूरा नाम न होने पर हाथ से फिसली नौकरी

मार्कशीट में विषय का पूरा नाम न होने पर हाथ से फिसली नौकरी

प्रयागराज। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती-2018 की द्वितीय अवशेष श्रेष्ठता सूची में अंग्रेजी विषय के चयनित अभ्यर्थियों की स्नातक की मार्कशीट में विषय का पूरा नाम अंकित न होने के कारण 45 अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंस गई है।

मार्कशीट में विषय का नाम अंग्रेजी साहित्य होना चाहिए था, लेकिन इन अभ्यर्थियों की मार्कशीट में केवल अंग्रेजी विषय लिखा हुआ है।

        उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने जुलाई 2023 में अंग्रेजी विषय में 79 चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन किया था। इसके बाद आयोग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को नियुक्ति की संस्तुति की थी।

डेढ़ साल बाद अब नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया शुरू की तो पता चला कि 45 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया है।

दरअसल, राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के लिए स्नातक में अंग्रेजी साहित्य विषय की अर्हता निर्धारित है। कई विश्वविद्यालय मार्कशीट में अंग्रेजी साहित्य की जगह केवल अंग्रेजी विषय लिखते हैं और इसी वजह से इन अभ्यर्थियों की नियुक्तियां फंस गई हैं।

        इन्होंने स्नातक में अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई तो की लेकिन उनकी मार्कशीट में अंग्रेजी विषय लिखा हुआ है। ऑनलाइन विद्यालय आवंटन के दौरान आवेदन करने पर इन अभ्यर्थियों के नाम प्रदर्शित नहीं हो हो रहे हैं।

जो 45 अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं, उनमें 27 पुरुष व 18 महिला अभ्यर्थी हैं। महिला अभ्यर्थी प्रिया श्रीवास्तव व ज्योतिका मिश्रा ने आयोग के सचिव को प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि कॉलेज फिलिंग पोर्टल पर रोल नंबर डालने पर 'कैंडिडेट डज नॉट एग्जिस्ट' बता रहा है।

हालांकि, प्रिया व ज्योतिका ने अभिलेख सत्यापन के दौरान डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की ओर से जारी वह प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किया था, जिसमें विश्वविद्यालय ने यह प्रमाणित किया है कि बीए में अंग्रेजी व अंग्रेजी साहित्य विषय एक ही है और प्रिया व ज्योतिका ने अंग्रेजी साहित्य विषय की पढ़ाई की है।

      प्रिया ने सचिव को लिखे पत्र में बताया है कि वह अब माध्यमिक शिक्षा विभाग व आयोग के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन कहीं से भी उचित जवाब नहीं मिला है। इसी तरह महिला अभ्यर्थी तनु चौधरी ने भी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया है।

इसमें विश्वविद्यालय ने प्रमाणित किया है कि तनु ने स्नातक में अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की है और इस विषय के सभी हिस्सों जैसे, प्रोज, पोएट्री, फिक्शन, ड्रामा, मेजर लिटरेरी मूवमेंट, लिटरेरी फॉर्म्स का अध्ययन किया है।

     इसके बावजूद तनु ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकीं, क्योंकि मार्कशीट में विषय के आगे केवल अंग्रेजी लिखा हुआ है। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि जब विश्वविद्यालयों ने प्रमाणित कर दिया है कि इन्होंने अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की है तो इन 45 अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रोके जाने का कोई औचित्य नहीं है।

आयोग को इनकी नियुक्ति की संस्तुति भी माध्यमिक शिक्षा विभाग को भेज देनी चाहिए। डेढ़ साल से ये अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। प्रतियोगी छात्र मोर्चा इन अभ्यर्थियों के हक की लड़ाई लड़ेगा।

एसटी अभ्यर्थियों की फाइलें भी अटकीं

      उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र का सत्यापन संबंधित जिले के डीएम के माध्यम से कराता है। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि डेढ़ साल पहले हुए अभिलेख सत्यापन के दौरान अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र सत्यापित कराने के लिए संबंधित जिलों को भेजे गए थे, इनमें से 17 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र अब तक सत्यापित नहीं हुए हैं और उनकी नियुक्ति की फाइलें भी अटकी हुई हैं।

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