यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती के मेडिकल में मांगी रिश्वत

मेरठ। यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया के दौरान रिश्वत मांगने और वसूली का खुलासा हुआ है। मेरठ पुलिस लाइन में डॉक्टरी और मापतौल के दौरान एक अभ्यर्थी की छाती का माप कम बता दी गई। इसके बाद छाती का रिकार्ड पूरा करने के लिए 50 हजार रुपये की रकम मांगी गई। ड्यूटी पर तैनात सरकारी डॉक्टर ने अभ्यर्थी के पिता को पुलिस लाइन गेट नंबर 3 पर एक कार सवार के पास भेजा था। अभ्यर्थी के पिता ने आरोपी की गाड़ी का फोटो ले लिया। शिकायत के बाद डॉक्टर समेत तीन लोगों पर वसूली का मुकदमा दर्ज किया गया है। डॉक्टर के संबंध में सीएमओ और शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। बागपत के टीकरी निवासी निखिल राठी ने यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती में आवेदन किया था।
पुलिस भर्ती में शामिल अभ्यर्थी द्वारा द्वारा शिकायत की गई थी। सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
डॉ. विपिन ताडा, एसएसपी मेरठ
पुलिस भर्ती बोर्ड ने परीक्षा के दस्तावेज सौंपे
लखनऊ। सिपाही भर्ती परीक्षा-23 का पर्चा लीक करने के मामले में जांच कर रही ईडी और एसटीएफ को पुलिस भर्ती बोर्ड ने कई दस्तावेज सौंप दिए है।
इसमें सबसे प्रमुख टेंडर के दस्तावेज है। इससे यह पता किया जाएगा कि किन शर्तों पर एजुटेस्ट को काम दिया गया था। दोनों जांच एजेन्सियों ने इस परीक्षा से जुड़ कई अन्य गोपनीय
दस्तावेज, परीक्षा केन्द्रों की सूची और पर्चा छापने वाली कम्पनियों के बारे में जरूरी जानकारियां मांगी थी। एसटीएफ ने सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक करने में अब तक मुख्य आरोपितों राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, रवि अत्री, डॉ. शरद समेत दो दर्जन से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। इस पर्चा लीक मामले में करोड़ों की रकम का लेन-देन हुआ था।
- सिपाही भर्ती पर्चा लीक मामला, एसटीएफ को दिए गए दस्तावेज
- ईडी व एसटीएफ ने परीक्षा केंद्रों और कंपनी की मांगी जानकारी
इसके बाद ही ईडी ने भी इस मामले की जांच शुरू की थी और कई आरोपितों की सम्पत्ति जब्त कर ली थी। कई आरोपितों की सम्पत्ति का ब्योरा अभी भी जुटाया जा रहा है। इसी कड़ी में ईडी और एसटीएफ ने पुलिस भर्ती बोर्ड को पत्र लिखकर कई जानकारियां मांगी थी
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