माध्यमिक विद्यालयों में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ

कैबिनेट बाई सर्कुलेशन अधीनस्थ शिक्षा नियमावली में संशोधन को मंजूरी
लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) और प्रवक्ता के करीब 10 हजार पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन यूपी अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली 2024 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत दोनों पदों पर भर्ती के लिए योग्यता से समकक्ष शब्द हटाया गया है। माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के लिए संबंधित विषय में स्नातक, बीएड या समकक्ष योग्यता रखी गई
थी। प्रवक्ता पद के लिए स्नातक, बीएड या समकक्ष योग्यता रखी गई थी। कई मामले कोर्ट पहुंचे और समकक्ष योग्यता को चुनौती दी गई। इससे माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती अटक गई थी।
लोकसेवा आयोग ने भी माध्यमिक शिक्षा विभाग (डीएसई) से समकक्ष योग्यता को परिभाषित करने की मांग की थी। डीएसई ने उप्र अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा छठे संशोधन व उप्र विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा दूसरे संशोधन
नियमावली 2024 को स्वीकृति का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा था। डीएसई के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि प्रस्ताव पर कैबिनेट ने सहमति दे दी है।
संशोधन के अनुसार, योग्यता से समकक्ष शब्द हटाकर संबंधित विषय में स्नातक/परास्नातक व नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड डिग्री कर दिया है। अब विभाग इन पदों पर भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग को संशोधित भर्ती प्रस्ताव भेजेगा।
एक फरवरी से राज्यकर्मी ऑनलाइन ही कर सकेंगे छुट्टी के लिए आवेदन
लखनऊ। राज्य सरकार अपने कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। एक फरवरी से छुट्टी समेत सेवा संबंधी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी करना अनिवार्य होगा। ये प्रावधान 8.5 लाख राज्य कर्मियों पर लागू होंगे। सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में शीघ्र ही मुख्य सचिव के स्तर से आदेश जारी होगा।
मानव संपदा पोर्टल के जरिये सेवा संबंधी सभी प्रक्रियाएं पूरा करना होगा अनिवार्य, 8.5 लाख कर्मियों पर लागू होंगे प्रावधान
लिए निर्देश जारी कर चुकी है कि वे मानव संपदा पोर्टल के जरिये ही छुट्टी के लिए आवेदन करें। इसमें बाल्य देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) भी शामिल है। ट्रांसफर होने पर नई जगह ज्वाइनिंग व पुरानी जगह से रिलीविंग की प्रक्रिया भी ऑनलाइन पूरी करें। सेवा पुस्तिका भी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासन कई बार राज्य कर्मियों के लेकिन, देखने में आया है कि तमाम विभाग इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं या फिर आंशिक रूप से ही पालन कर रहे हैं। इसलिए वर्ष 2025 में आवेदन की ऑफलाइन व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया गया है। पालन न करने वाले विभागों और अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए दंड की व्यवस्था भी की जाएगी।
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