यूपी बोर्ड के हजारों परीक्षार्थियों के नाम, जेंडर और विषय गलत

विधान परिषद सदस्यों की शिकायत पर बोर्ड ने लिया संज्ञान, संशोधन का दिया मौका
प्रयागराज। यूपी बोर्ड-2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होंगी। लेकिन, हजारों परीक्षार्थियों के नाम, जेंडर और विषय में त्रुटियां बोर्ड को परीक्षा शुरू होने के 14 दिन पहले पता चलीं।
बोर्ड ने परीक्षार्थियों के विवरण में संशोधन का मौका दिया है। बोर्ड ने विद्यालयों को मंगलवार तक त्रुटियों का विवरण क्षेत्रीय कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा, उमेश द्विवेदी, डॉ. हरी सिंह ढिल्लो व राज बहादुर सिंह चंदेल ने यूपी बोर्ड को अवगत कराया है कि कई परीक्षार्थियों के नाम, जेंडर, विषय आदि गलत अंकित कर दिए गए हैं। जिस वजह से परीक्षार्थियों को समस्याएं हो रही हैं। इस अशुद्धियों का निस्तारण कराया जाए।
विद्यालयवार मांगा विवरण, गलतियां चिह्नित किए जाने के बाद प्रवेश पत्र होंगे संशोधित
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि अपने जिले में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए पंजीकृत परीक्षार्थियों की त्रुटियों का विद्यालयवार विवरण (सभी आवश्यक पत्र सहित) मंगलवार तक अनिवार्य रूप से संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को उपलब्ध करा दें।
बोर्ड सचिव ने बताया कि परीक्षा शुरू होने में वक्त है, त्रुटियों में सुधार कर संशोधित प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षार्थियों को किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी।
फिलहाल, विद्यालयों से विवरण मिलने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि कितने परीक्षार्थियों के नाम, जेंडर, विषय आदि में त्रुटियां हुईं हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक प्रदेश के 8,140 केंद्रों पर होंगी। हाईस्कूल की परीक्षा के लिए कुल 27,41,674 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जिनमें 14,50,675 छात्र व 12,90,999 छात्राएं शामिल हैं।
वहीं, इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए पंजीकृत कुल 26,90,845 परीक्षार्थियों में 14,39,779 छात्र व 12,51,066 छात्राएं शामिल हैं।
त्रुटि संशोधन के मिलान में फर्जी छात्र मिले तो होगी कार्रवाई
प्रयागराज। यूपी बोर्ड त्रुटि संशोधन के दौरान विद्यालयों की ओर से दिए जाने वाले विवरण का आवेदन पत्रों से मिलान करेगा। बोर्ड को आशंका है कि नकल माफिया दबाव बनाकर त्रुटि संशोधन के नाम पर फर्जी छात्रों को परीक्षा में शामिल करा सकते हैं। अगर मिलान के दौरान फर्जी छात्रों को शामिल कराए जाने के साक्ष्य मिले तो संबंधित स्कूल व प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी।
पूर्व में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नकल माफिया काल्पनिक नाम से बोर्ड परीक्षा का फॉर्म भर देते थे और बाद में दबाव बनाकर त्रुटि संशोधन के नाम पर फर्जी छात्रों को परीक्षा में शामिल करा देते थे।
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