शिक्षा विभाग के 49 कनिष्ठ सहायकों को मिली प्रोन्नति

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा विभाग के लिपिक संवर्ग की सेवा नियमावली-1995 के तहत मंडल के राजकीय कार्यालयों, विद्यालयों, संस्थानों और विशिष्ट संस्थानों में कार्यरत 49 कनिष्ठ सहायकों को वरिष्ठ सहायक के पद पर प्रोन्नत किया गया है। प्रोन्नति के साथ इनमें से कई कर्मचारियों की नवीन तैनाती भी की गई है।
संयुक्त शिक्षा निदेशक आरएन विश्वकर्मा की ओर से प्रोन्नति संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है। जिन्हें प्रमोशन मिला है, उनमें शेफात हुसैन, आरती सोनकर, राहुल कुमार जैसवार, नीलम श्रीवास्तव, मनोज कुमार, शुभ्रा सिंह, गंगाराम उत्तम, संजना कुमारी, मोहम्मद शहनवाज, गीतांजली हेला, अंकित यादव, अंकित पांडेय, माया रंजन, अरुण कुमार कुशवाहा, भानू प्रताप सिंह, आनंद कुमार सिंह,
वरिष्ठ सहायक के पद पर प्रमोशन के साथ कई को मिली नवीन तैनाती
राजीव कुमार, अवनीश तिवारी, अनूप कुमार पांडेय, फैयाज अहमद, सतीश कुमार जायसवाल शामिल हैं।
इनके अलावा जितेंद्र कुमार, अरविंद कुमार, साहिर अहमद समदानी, निलेश तिवारी, मनीष कुमार सिंह, रती यादव, राजेश कुमार पाल, जयदीप सिंह, दिनेश कुमार यादव, अखिलेश सिंह, आमिर आलम अंसारी, फरहीन खातून, हिना कौसर, विपिन कुमार श्रीवास्तव, अखिलेश सिंह, दीपक कुमार सिंह, रोहित द्विवेदी, कुलदीप कुमार, नेहा, शैलेंद्र सिंह, आशुतोष दूबे, शिवेंद्र प्रताप सिंह, रंजेश सिंह, अश्विनी पांडेय, राम नारायण, ऋतुराज सिंह, हेम चंद्र, अरविंद कुमार साहू को भी प्रोन्नत किया गया है।
तहसीलदार के पदों पर प्रोन्नति का रास्ता साफ
लखनऊ। प्रदेश में 2016 बैच के नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में दायर याचिका को निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह 2016 बैच से सम्बंधित याचियों के प्रोन्नति पर विचार करे। इसी के साथ न्यायालय ने 23 जनवरी 2024 के अपने उस आदेश को भी समाप्त कर दिया है जिसके द्वारा 2016 बैच के नायब तहसीलदारों के प्रोन्नति पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी।
यह निर्णय न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने आशुतोष पांडेय व अन्य तथा सिद्धांत पांडेय व अन्य की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं जेएन माथुर, एलपी मिश्रा की दलील थी कि याचियों ने 11 जनवरी 2016 के विज्ञापन के क्रम में भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण की। नियुक्ति पत्र में राज्य सरकार की ओर से विलम्ब हुआ, इससे उनका वरिष्ठता क्रम नीचे हो गया और नवंबर 2023 को राजस्व परिषद द्वारा सरकार को भेजे गए, प्रोन्नति की सूची में उनका नाम नहीं आया।
सरकारी वकील की दलील
सरकार के अपर महाधिवक्ता कुलदीपपति त्रिपाठी की दलील थी कि राजस्व परिषद द्वारा सरकार को 17 अक्टूबर 2024 को प्रस्ताव भी भेजा गया, जिसके द्वारा तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति की शर्तों को शिथिल करना है। यदि प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो सभी याचियों की प्रोन्नति संभव होगी। इस पर कोर्ट ने प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का भी आदेश सरकार को दिया है।
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