छात्रों से वसूलते थे 20 से 30 हजार 500 रुपये में लिखवाते थे कॉपियां

यूपी बोर्ड : विद्यालय के केंद्र व्यवस्थापक और परीक्षा प्रभारी ने हिरासत में उगले राज
हरदोई। जिले में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की अंग्रेजी विषय की परीक्षा के दौरान शुक्रवार को दो केंद्रों पर लखनऊ एसटीएफ की कार्रवाई से बड़े पैमाने पर नकल के रैकेट का खुलासा हुआ है। प्रश्नपत्र हल करवाने के लिए विद्यार्थियों से 20 से 30 हजार रुपये वसूले जाते थे। एक विषय की कॉपी लिखने के लिए सॉल्वर को 400 से 500 रुपये दिए जाते थे।
वहीं, जगन्नाथ सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज के प्रबंधक के आवास से 20 हल की हुई और 49 सादी कॉपियां मिली हैं। 65 प्रवेशपत्र सहित नकल के कई सामान भी मिले हैं। एक कार से भी 11 हल की हुई कॉपियां मिली हैं। उधर, दो केंद्रों से सॉल्वर पकड़े जाने के मामले में एसटीएफ ने शनिवार को 22 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें कॉलेज के प्रबंधक, केंद्र व्यवस्थापक और परीक्षा प्रभारी को भी नामजद किया गया है। 22 आरोपियों में से 19 को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 14 आरोपियों को जेल और पांच किशोर आरोपियों को बालसुधार गृह भेजा गया है।
दलेलनगर में स्थित जय सुभाष महाबली इंटर कॉलेज में छापे के दौरान शुक्रवार को एसटीएफ ने नैरा निवासी केंद्र व्यवस्थापक राममिलन सिंह और उसके पुत्र परीक्षा प्रभारी मनीष सिंह को हिरासत में लिया था। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने एसटीएफ को बताया कि सॉल्वरों से लिखवाई गई कॉपियों को पास ही बने घर में रखवाया गया है। वहां मौजूद दो लड़कियों ने दो कॉपी लिखने की जानकारी दी।
व्हाट्सएप से आता था पेपर
जगन्नाथ सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज के मालिक और प्रबंधक अनिल सिंह के आवास पर भी एसटीएफ ने सॉल्वरों को पकड़ा है। यहां हाईस्कूल की अंग्रेजी के साथ ही इंटरमीडिएट की कृषि अर्थशास्त्र विषय की उत्तर पुस्तिकाएं भी मिली हैं। गिरफ्तार किए गए अध्यापक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने एसटीएफ को बताया कि कॉलेज के प्रबंधक अनिल सिंह के दबाव में उनके मकान में सॉल्वरों के माध्यम से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रश्न पत्र हल कराए जाते हैं। प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर भेजे जाते हैं।
कॉपियों का मूल्यांकन 19 मार्च से दो अप्रैल तक
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 19 मार्च से दो अप्रैल तक होगा। परीक्षाफल मई में जारी होने की उम्मीद है। प्रदेश में 261 मूल्यांकन केंद्र निर्धारित किए गए हैं। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने मूल्यांकन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगा और मांगे जाने पर इसकी रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्य नियंत्रक एवं उप नियंत्रक का दायित्व होगा कि वह मूल्यांकन कार्य से संबंधित व्यक्ति के अलावा किसी अन्य को केंद्र में प्रवेश न करने दें। अन्यथा की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं 13 से 18 मार्च के बीच उपलब्ध करा दी जाएंगी। मूल्यांकन से संबंधित गोपनीय प्रपत्र संकलन-6 आदि भी इस 1.36 लाख ने छोड़ी परीक्षा
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की शनिवार को दूसरी पाली में हुई हाईस्कूल के विषय कंप्यूटर और इंटरमीडिएट के विषय रसायन विज्ञान व समाजशास्त्र की परीक्षा 1,36,744 परीक्षार्थियों ने छोड़ दी। प्रयागराज के दो परीक्षा केंद्रों पर सात कक्ष निरीक्षकों, पांच अन्य लोगों और आगरा में एक व्यक्ति यानी कुल 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। फिलहाल, परीक्षा शुरू होने के कई दिनों बाद ऐसा हुआ, जब कोई फर्जी परीक्षार्थी नहीं पकड़ा गया। वहीं, शनिवार को 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद मुकदमों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है।
अवधि में प्राप्त कराए जाएंगे। मूल्यांकन कक्षों में फोटोग्राफी वर्जित रहेगी। प्रत्येक परीक्षक को प्रतिदिन हाईस्कूल में 50 और कुल अवधि में 700 (कला विषय में 80, कुल अवधि में 800) एवं इंटरमीडिएट में 45 व कुल अवधि में 600 से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दी जाएंगी। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को मोबाइल फोन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मूल्यांकन कक्ष में ले जाने पर रोक रहेगी। अनुपस्थित परीक्षकों की सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक को देनी है। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को 18 मार्च को मूल्यांकन संबंधी दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हाईस्कूल विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों की उत्तर पुस्तिका के पैनल मूल्यांकन के लिए अर्ह परीक्षकों का पैनल बनाया जाएगा। गणित सहित सभी विषयों की कॉपियों के मूल्यांकन में स्टेप मार्किंग अनिवार्य रूप से की जाएगी।
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