टाइप टेस्ट में फॉन्ट का विकल्प बढ़ने से आसान होगी तैयारी

एपीएस भर्ती के बाद आरओ/एआरओ परीक्षा में भी मंगल फॉन्ट लागू होने से राहत
प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 के टाइप टेस्ट में क्रुति देव फॉन्ट के साथ अब मंगल का इनस्क्रिप्ट फॉन्ट लागू कर दिया गया है। जिससे अभ्यर्थियों को अब टाइप टेस्ट की तैयारी में सहूलियत मिलेगी।
यूपीपीएससी की परीक्षाओं में कुछ वर्ष पहले तक परंपरागत टाइप राइटर पर टाइप टेस्ट (टंकण परीक्षा) होता था। तब एकमात्र क्रुतिदेव फॉन्ट लागू था, लेकिन जब से कंप्यूटर पर टाइप टेस्ट शुरू हुआ, तब से अभ्यर्थियों की मांग थी कि क्रुति देव के साथ ही मंगल फॉन्ट भी लागू किया जाए।
आयोग ने सबसे पहले अपर निजी सचिव (एपीएस) परीक्षा 2023 में क्रुति देव के साथ ही मंगल फॉन्ट भी लागू किया और अब आरओ/एआरओ परीक्षा में विकल्प के रूप में इसे लागू किया है।
टाइप टेस्ट में फॉन्ट का विकल्प बढ़ने से आसान होगी तैयारी
आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 10 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। जिनमें से एआरओ के आवेदकों को टाइप टेस्ट देना होगा।
अभ्यर्थियों ने कहा, कंप्यूटर पर टाइप टेस्ट सीखने में क्रुति देव के मुकाबले मंगल फॉन्ट ज्यादा सहज होता है। इसमें टाइपिंग स्पीड अच्छी और गलतियां कम होती हैं। कहा, मंगल फॉन्ट का विकल्प मिलने के बाद अब विभिन्न परीक्षाओं में टाइप टेस्ट की तैयारी अलग-अलग नहीं करनी होगी।
सामान्य ज्ञान के सवालों पर आपत्तियों की भरमार
प्रयागराज। नागौर जिला जीरा और मेथी दोनों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के सामान्य ज्ञान प्रश्न पत्र में मेथी को सही उत्तर माना है। अभ्यर्थियों ने साक्ष्य सहित इस प्रश्न पर आपत्ति दर्ज कराई है।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की अनंतिम उत्तरकुंजी पर 19 मई की रात 12 बजे तक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आपत्तियां मांगी गई थीं। अभ्यर्थियों ने सामान्य ज्ञान के कई प्रश्नों पर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। अभ्यर्थियों ने साक्ष्य सहित दावा किया है कि नागौर के जीरे की विदेश में भी काफी मांग है।
नागौर की मेथी, जिसे पान मेथी या कसूरी मेथी भी कहा जाता है, अपनी खुशबू और स्वाद के लिए
टाइप टेस्ट में फॉन्ट का विकल्प बढ़ने से आसान होगी तैयारी
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में सिलेबस से बाहर के सवाल पूछे जाने का दावा विश्व प्रसिद्ध है।
आपत्ति के जरिये अभ्यर्थियों ने मांग की है कि प्रश्न के दोनों विकल्पों मेथी व जीरा को सही माना जाए या दोनों प्रश्नों को मूल्यांकन से बाहर किया जाए। इसके साथ ही अभ्यर्थियों ने लिम्बिक सिस्टम वाला प्रश्न भी डिलीट करने की मांग की है।
अभ्यर्थियों का दावा है कि यह प्रश्न सामान्य विज्ञान का है और सामान्य ज्ञान के सिलेबस का हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही अभ्यर्थियों ने हिंदी के प्रश्न पत्र पर भी ढेरों आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
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