आतंकी मसूद का कुनबा साफ बोला-काश, मैं भी मर जाता
अजहर के परिवार के 10 और चार करीबी लोग हमले में मारे गए
इस्लामाबाद। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैश ए मोहम्मद के मुख्यालय पर हमले में इस आतंकी संगठन के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग और उसके 4 करीबी लोग मारे गए। हमले के बाद मसूद अजहर के नाम से जारी एक बयान में कहा गया है, बहावलपुर में जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर हमले में मारे गए लोगों में मेरी बड़ी बहन, उनके पति, एक भांजा और उसकी पत्नी, एक भांजी और विस्तारित परिवार के पांच बच्चे शामिल हैं।
अजहर ने कहा, मेरे परिवार के दस सदस्यों को आज रात एक साथ यह खुशी नसीब हुई... पांच मासूम बच्चे हैं, मेरी बड़ी बहन, उनके पति। मेरे विद्वान भांजे और उसकी पत्नी और मेरी प्यारी भांजी... मेरे प्यारे करीबी हुजैफा और उनकी मां। दो और प्यारे साथी... मारे गए लोग अल्लाह के मेहमान बन गए हैं। मुझे न तो कोई अफसोस है और न ही निराशा। बल्कि, यह बात बार-बार मेरे दिल में आती है कि मैं भी इस चौदह सदस्यों के खुशकिस्मत कारवां में शामिल होता। लेकिन अल्लाह ताला से मिलने का वक्त बहुत पक्का है। वो आगे-पीछे नहीं हो सकता। आतंकवादी ने कहा, उनके जाने का समय आ गया था, लेकिन खुदा ने उन्हें नहीं मारा।
संसद से लेकर पुलवामा तक मसूद हर हमले में शामिल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध मसूद अजहर (56) भारत में कई आतंकी हमलों की साजिश में शामिल रहा है। इसमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला, 2016 का पठानकोट हमला और 2019 का पुलवामा हमला शामिल है। यह एक खुला रहस्य है कि यह कुख्यात आतंकवादी पाकिस्तान में है इसके बावजूद इस्लामाबाद ने बार-बार उसके बारे में जानकारी होने से इन्कार किया। मसूद अजहर उन तीन आतंकियों में शामिल है जिन्हें एअर इंडिया के विमान अपहरण के बाद काबुल ले जाए जाने के बाद आतंकियों की मांग के पर वाजपेयी सरकार ने रिहा किया था।
0 Comments
नमस्कार अगर आप को जानकारी अच्छा लगे तो हमें कमेंट और फॉलो करे |