शिक्षामित्रों ने मनाया काला दिवस, सीएम को भेजा ज्ञापन

लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले शिक्षामित्रों ने जिला मुख्यालयों पर एकत्र होकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा। इसके माध्यम से मानदेय बढ़ाने आदि की मांग की। 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त किया गया था।
इसके बाद से शिक्षामित्र 25 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाते हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को विभिन्न जिलों में मुख्यालयों पर एकत्र होकर मृत शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही सीएम को भेजे ज्ञापन में मूल विद्यालय से वंचित शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय, उनकी ग्राम पंचायत में
मुख्यालयों पर एकत्र होकर उठाई गईं मानदेय बढ़ाने सहित कई मांगें
महिला समायोजित करने, शिक्षामित्रों को विवाह के बाद उनके ससुराल के विद्यालय में समायोजित करने के शासनादेश का जल्द अनुपालन करने की मांग उठाई।
संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने बताया कि इसके साथ ही शिक्षामित्रों को ईपीएफ योजना में शामिल करने, उनको आयुष्मान भारत योजना में शामिल करके मेडिकल सुविधा देने, मृत शिक्षामित्रों के परिवार को आर्थिक सहायता देने, उनके परिवार के एक सदस्य को उसी पद पर नियुक्त करने, सेवामुक्त हो रहे शिक्षामित्रों को सरकारी सहायता देने की भी मांग की गई।
संसद के मानसून सत्र में उठाऊंगा स्कूलों के विलय का मामला : संजय
लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने कहा है कि सोमवार से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में परिषदीय विद्यालयों को बंद करने का मामला उठाऊंगा। उन्होंने रविवार को जारी बयान में कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी विद्यालयों को बेहतर संसाधन देने के बजाय बंद करने की योजना निकाली है। विद्यालय बंद होने से गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े समाज के बच्चों को कंपोजिट विद्यालयों में पढ़ाई के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। रेलवे क्रॉसिंग और हाइवे जैसी बाधाएं पार करके बच्चों को जाना पड़ता है। इससे काफी बच्चों की पढ़ाई रुक गई है।
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