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पांच से सात साल तक भर्तियों के इंतजार में लाखों अभ्यर्थी ओवरएज

पांच से सात साल तक भर्तियों के इंतजार में लाखों अभ्यर्थी ओवरएज

यूपीएसआई, एलटी ग्रेड शिक्षक, प्रवक्ता भर्ती में आयु सीमा में छूट चाहते हैं अभ्यर्थी 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती हो या राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक व प्रवक्ता भर्ती, लाखों अभ्यर्थी चार से सात वर्षों तक इन भर्तियों का इंतजार करते ओवरएज हो गए और अब उनके लिए भविष्य के रास्ते बंद हो चुके हैं।

अभ्यर्थी चाहते हैं कि उन्हें आयु सीमा में छूट प्रदान की जाए। - यूपीएसआई भर्ती का पिछला विज्ञापन वर्ष 2021 में आया था और अब चार साल बाद भर्ती का नया विज्ञापन जारी किया गया है। हालांकि, इस भर्ती में आयु सीमा में तीन साल की छूट दी गई है लेकिन अभ्यर्थियों का दावा है कि तीन वर्ष छूट से वास्तविक हकदारों को कोई फायदा नहीं होगा।

वर्ष 2021 के बाद जो अभ्यर्थी 2022, 2023 व 2024 में ओवरएज हुए हैं, इससे सिर्फ उन्हें ही फायदा होगा जबकि ऐसे अभ्यर्थी वर्ष 2021 की भर्ती में भी शामिल हुए थे। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह छूट कोविड के मद्देनजर दी गई है।

ऐसे में आयु सीमा में छूट का लाभ उन्हें मिलना चाहिए जो वर्ष 2020 या 2021 में ओवरएज हुए। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आयु सीमा में छह वर्ष की छूट देने की मांग भी की है।

वहीं, एलटी ग्रेड शिक्षक के 7466 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सात साल बाद नया विज्ञापन जारी किया है। पिछला विज्ञापन मार्च-2018 में जारी किया गया था। इन सात वर्षों के दौरान लाखों की संख्या में अभ्यर्थी ओवरएज हो गए।

विज्ञापन जारी होने से पहले ही अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आयु सीमा में कम से कम छह साल की छूट देने की मांग की थी। हालांकि, विज्ञापन जारी होने पर ओवरएज अभ्यर्थियों को झटका लगा और आयु सीमा छूट का उन्हें कोई लाभनहीं मिला।

इसके बावजूद आयु सीमा में छूट के लिए अभ्यर्थियों का प्रयास जारी है और वे संबंधित अधिकारियों को लगातार पत्र भी लिख रहे हैं। फिलहाल किसी तरह की राहत की उम्मीद कम है क्योंकि 28 अगस्त को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की आवेदन प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी।

इसी तरह प्रवक्ता भर्ती के लिए भी आयु सीमा में छूट की मांग की जा रही है। इस भर्ती के लिए भी 12 अगस्त से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस भर्ती का पिछला विज्ञापन दिसंबर-2020 में जारी किया गया था और अब साढ़े चार साल बाद यह भर्ती आई है। ओवरएज अभ्यर्थी इस भर्ती के लिए आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट मांग रहे हैं।

नियमित रूप से भर्ती न होने से बढ़ी समस्या 

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि नियमित अंतराल में भर्ती न होने से बेरोजगारी बढ़ रही है। हर साल काफी संख्या में अभ्यर्थी ओवरएज हो जाते हैं और भर्तियों के लिए चार से दस साल तक इंतजार करना पड़ रहा है। अगर नियमित अंतराल पर हर साल भर्तियां होती रही है तो सभी को बराबर मौका मिलता रहेगा

जाली दस्तावेजों से हासिल नौकरी नियुक्ति के समय से ही शून्य होगी

प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जाली दस्तावेजों के आधार पर हासिल की गई सरकारी नौकरी नियुक्ति के स्तर से ही शून्य मानी जाएगी। ऐसी नौकरी करने वाला व्यक्ति वेतन और अन्य परिलाभों पर दावा नहीं कर सकता है। उसे नौकरी के दौरान प्राप्त वेतन वापस करना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कमलेश कुमार निरंकारी की याचिका पर दिया।

याची बलिया में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। एक शिकायत पर जांच के बाद वह जाली दस्तावेज के आधार पर नियुक्ति पाने का दोषी पाया गया। पुष्टि होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 6 अक्तूबर 2022 के आदेश से उसकी नियुक्ति को रद्द कर दिया। साथ ही भुगतान किए गए वेतन की वसूली का आदेश दिया। याची ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

याची ने 10 अगस्त 2010 को याची को सहायक के रूप में कहा शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था और उसने कभी कोई जालसाजी नहीं की। उसने सभी शैक्षिक दस्तावेज जमा किए थे लेकिन बिना उचित सुनवाई के उसकी नौकरी रद्द कर दी गई। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है। उसके पैन कार्ड, आधार कार्ड शैक्षिक प्रमाणपत्रों में नाम में अंतर था। यह संबंधित प्राधिकारियों की त्रुटि के कारण थीं। इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है। प्रतिवादी अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई कि याची ने जाली मार्कशीट और प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी।

उसने एक अन्य व्यक्ति कमलेश कुमार यादव के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। पुलिस सत्यापन रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई कि याची की ओर से दिए गए पते पर उस नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता है। उसे कई बार मौका देने के बाद भी वह अपने मूल दस्तावेज पेश नहीं कर पाया।

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