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बीएड पास परिषदीय शिक्षकों को कराएंगे छह माह का ब्रिज कोर्स

बीएड पास परिषदीय शिक्षकों को कराएंगे छह माह का ब्रिज कोर्स

लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ा रहे बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग छह महीने का ब्रिज कोर्स कराएगा। यह कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से ऑनलाइन कराया जाएगा। शासन ने इसकी विस्तृत समय सारिणी जारी कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग

कोर्स के लिए एक नवंबर से होंगे आवेदन

के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में बीएड प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए छह माह का अनिवार्य प्राइमरी टीचर एजुकेशन ब्रिज कोर्स कराया जाना है। उन्होंने निर्देश दिया है कि बीएड प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर शिक्षक एक से 15 नवंबर तक आवेदन करेंगे।

इनको पहले चरण का प्रशिक्षण दिसंबर से 30 मई 2026 तक दिया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड की अर्हता को मान्य नहीं किया था। इसी क्रम में प्रदेश के पिछले दिनों हुई 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल करीब 30 हजार बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों को छह माह का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स कराकर आवश्यक अर्हता पूरी कराई जाएगी। इसके बाद वे विशिष्ट बीटीसी के समकक्ष अर्हता पूरी करेंगे। 

शिक्षा सेवा चयन आयोग के खिलाफ आंदोलन स्थगित

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की भर्तियां लंबित होने से नाराज प्रतियोगियों का मंगलवार को प्रस्तावित महाआंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। आयोग के सचिव से वार्ता के बाद एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा ने प्रतियोगियों को भर्तियों को लेकर जल्द स्थिति स्पष्ट करने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रतियोगी मान गए लेकिन जल्द निर्णय न होने पर 12 अक्तूबर को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के बाद फिर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

दो साल पहले गठित आयोग अभी तक कोई भी भर्ती नहीं कर सका। इसी बीच प्रो. कीर्ति पांडेय के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद आयोग में गतिरोध और बढ़ गया। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के साक्षात्कार के बाद प्रवक्ता भर्ती परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है।

इनकी नई तारीखें भी घोषित नहीं की गई हैं। इसके अलावा ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर भर्ती परीक्षा के भी स्थगित होने की आशंका है।

इससे नाराज युवा मंच की ओर से मंगलवार को सिविल लाइंस स्थित पत्थर गिरजाघर के पास धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई थी। इस आंदोलन को कई अन्य छात्र संगठनों का भी समर्थन प्राप्त था। इसी क्रम में सोमवार को एडीएम सिटी ने युवा मंच के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की।

एडीएम सिटी ने प्रतियोगियों का मांग पत्र लिया। साथ ही उन्होंने आयोग के सचिव मनोज कुमार से वार्ता की। एडीएम सिटी के अनुसार सचिव ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं और साक्षात्कार को लेकर शासन में वार्ता की जा रही है। कार्यवाहक अध्यक्ष से भी वार्ता की जाएगी। जल्द ही इस पर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। एडीएम सिटी ने यह भी बताया कि प्रतियोगियों का मांग पत्र शासन को भेज दिया जाएगा

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा दोबारा कराने की मांग प्रतियोगी छात्र प्रतिनिधिमंडल ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा दोबारा ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा कराने की मांग की है। संगठन की गया है। संगठन के शीतला प्रसाद ओझा का कहना है कि परीक्षा में कई स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। उन्होंने हिंदी के प्रश्न पत्र के कई सवालों और उनके जवाबों पर भी आपत्ति जताई है। इस आधार पर उन्होंने दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक और दोनों उपसचिवों को भी हटाए जाने की मांग की है।

टीईटी : नवंबर में दिल्ली में जुटेंगे देशभर के शिक्षक

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किए जाने के बाद देशव्यापी आंदोलन की तैयारी तेज हो गई है। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई कई प्रदेश के शिक्षक संगठनों की बैठक में नवंबर में दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। जल्द ही तिथि तय की आयोजित की जाएगी।

उसको विहा आंदोलन की कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई रणनीति बनाने के लिए बैठक में दिल्ली कूच की अगली बैठक लखनऊ में तैयारी की बनी रणनीति

टीईटी की अनिवार्यता को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक काफी दिनों से आंदोलित हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की पहल पर दिल्ली में झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा के शिक्षक संगठनों की बैठक हुई। इसमें इस बात पर चिंता जताई गई कि शिक्षकों के आंदोलन, ज्ञापन आदि के बाद भी केंद्र सरकार व शिक्षा मंत्रालय की ओर से इसे लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि सभी ने एक स्वर से यह तय किया कि नवंबर में दिल्ली में आंदोलन किया जाएगा। इस मामले में हम किसी भी एक शिक्षक के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

बेसिक में बच्चों की हर दिन लगेगी डिजिटल अटेंडेंस

सीएम डैशबोर्ड से जुड़ा स्टूडेंट अटेंडेंस का नया प्रोजेक्ट, दिशानिर्देश जारी, अक्तूबर के डाटा के आधार पर नवंबर से शुरू होगी समीक्षा

लखनऊ। प्रदेश के 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे 1.50 करोड़ से ज्यादा बच्चों की अब रोजाना डिजिटल अटेंडेंस लगेगी। स्टूडेंट अटेंडेंस को सीएम डैशबोर्ड पर एक नए प्रोजेक्ट के रूप में जोड़ा गया है। इसकी अक्तूबर के डाटा के आधार पर नवंबर से समीक्षा शुरू होगी।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने इस संबंध में सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत निर्देश भेजे हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि सीएम डैशबोर्ड पर बेसिक शिक्षा विभाग का नया प्रोजेक्ट स्टूडेंट अटेंडेंस को एकीकृत किया गया है। विद्यालयों में उपस्थित छात्रों की संख्या मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर नवंबर से (अक्तूबर के डाटा के आधार पर) दिखेगी। उन्होंने बताया है कि स्टूडेंट अटेंडेंस प्रोजेक्ट अक्तूबर से जिलों की रैंकिंग निर्धारण में भी शामिल किया जाएगा। इसलिए सभी जिले आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करें ताकि डाटा फीडिंग और अपडेशन में देरी न हो। सभी विद्यालयों से छात्र उपस्थिति का दैनिक अद्यतन (डेली अपडेट) उपलब्ध कराया जाएगा।

जिला प्रशासन बढ़ाएगा सख्ती

स्टूडेंट अटेंडेंस सीएम डैशबोर्ड से जुड़ने के बाद अब इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के साथ जिला प्रशासन भी सख्ती बढ़ाएगा क्योंकि सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। समीक्षा में स्थिति खराब होने पर जिला प्रशासन को भी जिम्मेदार माना जाएगा।

ऐसे लगेगी डिजिटल अटेंडेंस

बच्चों की फोटो खींचकर स्कूल समय में ही प्रेरणा पोर्टल पर इसे अपलोड करना होगा।

पिछले साल हुआ था विरोध

बेसिक शिक्षा विभाग ने टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर शैक्षणिक कार्यों में प्रयोग होने वाली 12 पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन की कवायद पिछले साल नए सत्र की शुरुआत के साथ की थी। इसके लिए विद्यालयों में दो-दो टैबलेट भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें शिक्षकों की भी डिजिटल उपस्थिति जुड़ी होने से प्रदेश भर में इसका काफी विरोध हुआ था। इसके बाद उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप पर इसे स्थगित कर दिया था। अभी मध्याह्न भोजन समेत कुछ की ही पंजिका डिजिटाइज हुई हैं

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