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शिक्षा-रोजगार के लिए केंद्र ने खोला खजाना

शिक्षा-रोजगार के लिए केंद्र ने खोला खजाना

आईटीआई अब उद्योगों से सीधे जुड़ेंगे

नई दिल्ली,। केंद्र सरकार ने शनिवार को शिक्षा और रोजगार क्षेत्र के लिए खजाना खोल दिया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेतु योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत 60 हजार करोड़ के निवेश से एक हजार आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशभर में स्थित 15 हजार आईटीआई में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को और हुनरमंद बनाया जा रहा है। आईटीआई अब उद्योगों से सीधा जुड़ेगा। इसी कड़ी में एक हजार आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत नॉलेज और स्किल का देश है। यही बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और जब यह स्किल, यह नॉलेज देश की आवश्यकताओं से जुड़ जाती है तो इनकी ताकत कई गुना बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा, आज 21वीं सदी की मांग है कि हम लोकल टैलेंट, रिसोर्सेस, स्किल्स और नॉलेज को तेजी से आगे बढ़ाएं। इसमें हमारी हजारों आईटीआई की बहुत बड़ी भूमिका है। आज इन आईटीआई में करीब 170 ट्रेड्स में हमारे नौजवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारी आईटीआई इंडस्ट्रियल एजुकेशन के बेहतरीन संस्थान तो हैं ही, ये आत्मनिर्भर भारत की वर्कशॉप है। इसलिए हमारा ध्यान इनकी संख्या बढ़ाने के साथ ही इनको अपग्रेड करने पर भी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जिन आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा वहां नई मशीनें आएंगी, इंडस्ट्री के प्रशिक्षण विशेषज्ञ आएंगे, पाठ्यक्रम भी आजकी और भविष्य की मांग के हिसाब से अपग्रेड होगा। एक तरह से, पीएम सेतु योजना दुनिया की स्किल डिमांड से भी भारत के युवाओं को जोड़ेगी।

बीते 10 वर्ष में पांच हजार आईटीआई बनींः मोदी ने कहा, वर्ष

2014 तक देश में 10 हजार आईटीआई थीं, लेकिन बीते एक दशक में करीब पांच हजार नई आईटीआई देश में शुरू की गई हैं।

बिहार के लिए कई योजनाओं की शुरुआत

मोदी ने बिहार की संशोधित 'मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना' की भी शुरुआत की। इसके तहत हर साल पांच लाख स्नातकों को दो साल तक एक-एक हजार रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। नए सिरे से तैयार की गई 'बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड' योजना की भी शुरुआत की। 

इसके तहत चार लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया। साथ ही एनआईटी-पटना के बिहटा परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बिहार सरकार में चार हजार से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। साथ ही कक्षा नौ और 10 के 25 लाख विद्यार्थियों को 450 करोड़ की छात्रवृत्ति भी जारी की।

कब भरे जाएंगे शिक्षकों के रिक्त 656 पद !

प्रयागराज, परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती के दूसरे चरण की काउंसिलिंग के बावजूद रिक्त 656 पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी करने को लेकर अफसरों की अनदेखी से बेरोजगार परेशान हैं। आवेदन के बाद तकरीबन नौ साल से नियुक्ति के लिए भटक रहे अभ्यर्थियों की कोई सुनने वाला नहीं है।

इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल 12 सितंबर को चयन प्रक्रिया को लेकर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं से रिक्त 656 पदों को कैसे भरेंगे के बाबत सवाल पूछा था। इस पर आज

नौ साल पहले शुरू हुई थी 12460 शिक्षकों की भर्ती 12460 शिक्षका दूसरे चरण के बाद भी इस भर्ती में रिक्त रह गए हैं पद

तक विभाग की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं हुआ है। प्राथमिक स्कूलों में 12460 शिक्षक भर्ती 15 दिसंबर 2016 को शुरू हुई थी। 18 अप्रैल 2018 को हाईकोर्ट ने 24 शून्य जनपद के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी थी। शून्य जनपद का विवाद हाईकोर्ट की डबल बेंच से सुलझने के बाद 30 दिसंबर 2023 और सात जनवरी 2024 को अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। दूसरे चरण की काउंसिलिंग के बाद रिक्त रह गए 656 पदों पर भर्ती होनी बाकी है।

टीईटी के मुद्दे पर केंद्र का रुख स्पष्ट न होने से शिक्षक नाराज

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने बैठक कर जताई नाराजगी

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट से टीईटी की अनिवार्यता के आदेश के एक महीने बाद भी केंद्र सरकार द्वारा अपना पक्ष स्पष्ट न करने पर प्रदेश के शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने शनिवार को बैठक कर केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई और ठोस निर्णय न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देश भर के शिक्षक नौकरी को लेकर चिंतित हैं। विभिन्न संगठनों ने प्रधानमंत्री व शिक्षामंत्री को हजारों पत्र भेजे हैं, लेकिन अब तक इस पर केंद्र सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। प्रदेश महासचिव दिलीप चौहान ने कहा, केंद्र सरकार को इसका समाधान प्राथमिकता से करना चाहिए।

प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा, अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की तो एसोसिएशन शिक्षक संगठनों के साथ मिलकर देशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगा। बैठक में विधि सलाहकार आमोद श्रीवास्तव, विनीत सिंह, शशि प्रभा सिंह, राकेश तिवारी, सुशील रस्तोगी, धर्मेंद्र शुक्ला, तुलाराम गिरी, सुशील यादव आदि शामिल हुए।

शिक्षक काली पट्टी बांधकर करा रहे पढ़ाई

टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर शिक्षक काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि शिक्षक कानूनी लड़ाई के साथ अब आंदोलन की भी तैयारी कर रहे हैं। जल्द केंद्र सरकार ने इस मामले में सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो इसकी घोषणा की जाएगी। कहा, 25 साल की सेवा के बाद टीईटी लागू करना अव्यावहारिक है। ऐसे में केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर इस मामले का हल निकाले।

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