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Fall Armyworm

 Fall Army Worm Insect Control

निगरानी ( Monitoring )

Fall Armyworm (Spodoptera Frugiperda)

मक्का एवं सजातीय फसलों में इस कीट के निगरानी एवं रोकथाम हेतु गंधपाश प्रपंच 

( फेरोमोन ट्रेप स्पोडो ल्यूर ) का निर्धारण प्रति एकड़ खेत में 5 की संख्या में करना चाहिए । अध्याय : 24 मक्का फसल पर फॉल आर्मी वर्म ( Fall Army Worm ) कीट के प्रबंधन की कार्यनीति देखभाल ( Scouting ) : जब बीज जमाव से पौध निकलना शुरू हो जाए तब से स्काउटिंग शुरू कर देनाचाहिए ।

 

Fall Armyworm (Spodoptera Frugiperda)

1. पौध से अगेती चक्र ( Early Whorl ) में ( बीज जमाव से 3-4 सप्ताह बाद ) :

यदि 5 % तक फसल नुकसान दिखाई दे तो कीट प्रबंधन हेतु प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए ।

2. फसल के मध्य ( Middle Whori ) से अंतिम चक्र ( Last Whori ) की अवस्था ( जमाव से 5-7 सप्ताह बाद ) यदि फसल की मध्य चक्र की अवस्था में 10 % तक नुकसान दिखाई दे व अंतिम चक्र अवस्था तक नुकसान दिखाई दे तो उचित उपाय अपनाने चाहिए ।

3. बाली एवं रेशन धागे ( Tasseling & Silking Stage ) निकलने की अवस्था में इस अवस्था में कतई रासायनिक कीटनाशको का छिड़काव नहीं करना चाहिए । अगर 10 % तक भूटे का नुकसान दिखाई दें तो सुरक्षित कीटनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है

. सस्य क्रियाएँ ( Cultural Practices ) : बुआई से पूर्व गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करे । समय से बुआई करे एवं छिटपुट बुआई न करे । मक्का के साथ अंतःफसल ( Inter - Cropping ) के रूप में दलहनी फसल की बुआई अवश्य करे । मक्का के अगेती अवस्था में ( 30 दिनों तक ) पक्षी आश्रय ( बर्ड पर्चर ) 8 -10 की संख्या में प्रति एकड़ खेत में स्थापित करें । फाल आर्मी वर्म कीट से बचाव हेतु विभिन क्रियाएँ मक्के की फसल तीन से चार कतारों के बाद एक कतार कीट आकर्षक फसले ( Trap Crop ) जैसे नेपियर की बुआई करे , साथ ही यदि आकर्षक फसल पर फाल आर्मी वर्ग द्वारा क्षति के लक्षण दिखाई दे तो 5 % नीम के बीज का अर्क ( NSKE ) अथवा एजाडीरेक्टिन 1500 पी.पी.एम. @ 2 मिलि / लीटर पानी में घोल कर अतिशीघ्र छिड़काव करें । खेत को खरपतवार मुक्त रखे एवं संतुलित खादों का प्रयोग करे ।

मक्के के ऐसे प्रजातियों का चयन करे जिसका छिलका भूटें को मजबूती से ढके हो इससे नुकशान को कम किया सकता है ।

में बुआई के प्रथम 30 दिनों की फसल अवस्था में 9 : 1 के अनुपात में बालू एवं चुने को मिलाकर पत्तियों के चक्र में प्रयोग

. यांत्रिक क्रियाएँ ( Mechanical Practices ) : . के अंड समूह व नवजात सुंडियों के समूहों को हाथों से पकड़ कर या कुचलकर या मिट्टी के तेल में डुबोकर नष्ट कर देना चाहिए ।

कीट से प्रभावित मक्का के पौध के चक्रों में सुखी रेत डालना चाहिए । प्रति एकड़ 25 की संख्या में गंधपाश ( फेरोमोन ट्रैपःस्पोडो ल्यूर ) लगाकर नर कीटों को आकर्षित कर नष्ट कर देना

. जैविक क्रियाएँ ( Biological Practices ) : अन्तः फसल लगनी चाहिए जो मित्र कीटों की संख्या बढ़ाने में सहायक होता है । खेतों में मित्र कीटों के संरक्षण हेतु प्राकृतिक आवासीय व्यवस्था बनाना चाहिए . इसके लिए खेतों में दलहनी व फूलों जैव - नियंत्रक ( Bio - Control Agents ) : सप्ताह खेत में छोड़ना चाहिए । अंड परजीवी जैसे ट्राईकोग्रामा प्रेटीओसम या टेलीनोमस रेनिअस @ 50000 प्रति एकड़ की दर से प्रत्येक जैव - कीटनाशक ( Biopesticides ) : फफूंदनाशकों व जीवाणुनाशकों का प्रयोग करे ।

पौध की अगेती अवस्था में 5 % नुकसान व भूटें की 10 % तक की नुकसान की अवस्था में निम्नलिखित कीटरोगजनित मेटारिजियम अनिसोप्ली ( 1x10 ' cfu / ग्राम ) की 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर बुआई से 15-20 दिनों के

अंतराल पर छिडकाव करे । कीट के अधिक क्षति की अवस्था में 10 दिन के अन्तराल पर एक या दो छिडकाव पुनः करें अधिक क्षति की अवस्था में 10 दिन के अन्तराल पर एक या दो छिड़काव पुनः करें ।

मेटारिजियम रिलाई ( 1x10 ° cfu / ग्राम ) की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर बुआई से 15-20 दिनों के अंतराल पर छिडकाव करे । कीट के

बेसिलस थूरिन्जेंसिस @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में अथवा 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें । घ . रासायनिक क्रियाएँ ( Chemical Practices ) : जमाव से अगेती चक्र ( Early Whorl ) अवस्था :

अगर मक्का फसल में फाल आर्मी वर्म कीट के सुंडी द्वारा 5 % नुकसान या पत्तियों पर इसके अंडे की अवस्था दिखाई दे छिड़काव करने से कीट को नियंत्रित किया जा सकता है । तो 5 % नीम के बीज का अर्क ( NSKE ) अथवा एजाडीरेविटन 1500 पी.पी.एम. @ 2 मिली / लीटर पानी में घोलकर मध्य चक्र ( Middle Whorl ) से अंत चक्र ( Last Whorl ) की अवस्था :

प्रयोग किया जा सकता है : फाल आर्मी वर्ग के दुसरे व तीसरे अवस्था के सुंडी के नुकसान की अवस्था में निम्लिखित तीन रसायनों का स्पाईनोटोरम 11.7 % Sc @ 0.3 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करे । क्लोरेनट्रानीलीप्रोल 18.5965c @ 0.4 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करे । थायोमेथोक्जम 12.6 % + लैम्ब्डा स्प्लोथ्रिन 9.5%ZC@0.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करे जहरीला चारा ( Poison Bait ) : सुंडी के अंतिम अवस्था को नियंत्रित करने के लिए जहरीले चारे का प्रयोग किया जा सकता है । जहरीला चारा बनाने के लिए 10 किग्रा चावल की भूसी +2 किग्रा . गुड़ 2 से 3 लीटर पानी के साथ मिश्रण बना कर 24 घंटे तक सड़ने के लिए छोड़ दें । खेत में प्रयोग करने से आधा घंटा पूर्व 106 ग्राम थायोडीकार्प मिलाकर पौध चक्रों में छोटी - छोटी गोलियाँ बनाकर डालें । बाली एवं भूटे ( Tasseling and Cob Formation ) बनने की अवस्था :

फसल की इस अवस्था में कीटनाशकों नियंत्रण करना अधिक खर्चीला हो सकता है । अतः सुंडियों को हाथों पकड़ कर नष्ट करने की सलाह दी जाती है । सभी तरह के छिडकाव चक्रों की ओर होनी चाहिए एवं संभवतः सुबह व शाम के समय में ही करना चाहिए यानि दिन में छिडकाव कतई न करे ।

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