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Insect Control : गेहूं के कीट नियंत्रण

       रासायनिक नियंत्रण, आई.पी.एम. ,तकनीक से कीटो का नियंत्रण

       रासायनिक नियंत्रण:

1.       रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए स्तर पार कर

2.        सिस्टेमेटीक कीटनाशकों का उपयोग करें ।

3.       निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग 600 से 750 लीटर के साथ करें ।

4.       खड़ी फसल पर प्रकोप होने पर क्लोरोपायरिफॉस 1200 मि.ली / हेक्टेयर सिंचाई के पानी के साथ दें या इतनी ही मात्रा 5 लीटर पानी में घोलकर 53 किया रेत उपचारित कर खेत में सिंचाई पूर्व छिड़कें ।

(1.) कीट माहू / एफिड ( Aphid )  

1. यह कीट नवम्बर से फरवरी माह में सक्रिय रहता है ।

2. असिचित और देर से बोई फसल पर इसका प्रकोप अधिक रहता है ।

3.ये रस घूसने वाले कीट है ये पारदर्शी छोटे और मुलायम शरीर के होते है ।

4. अत्यादिक रस चूसने से पती मर जाती है या समय से पहले बढ़ जाती है ।

5. नई पत्तियां पीली पड़ जाती है ।

6. जड़ों के आधार पर पीले भूरे एफिड दिखाई पड़ते है ।

आई.पी.एम. तकनीक

1. देर से बुआई न करें ।

2. नाइट्रोजन उर्वरकों का अत्यादिक उपयोग न करें ।

3. फसल की अच्छी तरह देख रेख करें ।

4. कीटनाशक का खेत के किनारे छिड़काव करे ।

5. पीला चिपचिपा प्रपंच 6 से 8 की संख्या में प्रति ० प्रयोग करे ।

6. नीम आधारित बनस्पति कीटनाशक का प्रयोग करे

7. लाल मिर्च पाउडर 5 % का घोल बनाकर छिड़काव करे ।

रासायनिक नियंत्रण:

1. रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या आदि क्षतिस्तर को पार कर ले ।

2. निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग 600 से 750 लीटर के साथ करें ।

3200-250 ग्राम / हे ० डाइमेट या आक्सीडेसमीटन मेथाइल का स्प्रे करे ।

( 5 ) फौजी कीट / आर्मी वर्म ( Army worm )

क्षति

1. इसका प्रकोप धान - गेहूं की फसल में देखा गया है ।

2. फसल की प्रारंभिक अवस्था में प्रकोप देखा गया है ।

3. कीट पत्तियाँ चबाकर नुकसान पहुंचाते है ।

4 . कीट के आक्रमण से पौधे की सारी पत्तियां नष्ट हो जाती है ।

5. नवजात लार्वा पत्तियां खाते हैं फिर तने पर आक्रमण करते है ।

6. लार्वा अधिकतर रात में आक्रमण करते हैं दिन में नहीं ।

7. यदि मौसम राम गीला हो या बादल हो तो ये पूरे दिन आक्रमण करते है  

8. वयरक पौधे के हिस्से को काटकर पूरा खा जाता है ।

आई.पी.एम. तकनीक  

 1. नाइट्रोजन उर्वरकों का अत्यादिक न उपयोग करें क्योंकि ये फौजी कीट को आकर्षित करती है 241113 2. देर से बोआई न करें ।

3. प्रकाश प्रपंच ( 6-8 की संख्या ) प्रति एकड़ प्रयोग करे ।

4. बर्ड पर 6-8 की संख्या में प्रति है, स्थापित करे

रासायनिक नियंत्रण:

1. रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या आर्थिक क्षति स्तर को पार कर ले ।

2. ) फौजी कीट के लिए आर्थिक क्षति स्तर 4 से 5 लार्वा / लीटर पंक्ति है । शाम के समय निम्नलिखित का छिड़काव करें ।

3. ) 750 ग्राम फेनीद्रोथीओन प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें ।

4. ) 400 ग्राम ज्युनाल फोस प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें ।

 6 ) कीट ग्रासहापर / हरा टिहा / बोट कीट ( Grasshopper)

 क्षति

1.ये काटकर और चबाकर फसल को नुकसान पहुंचाते है ।

2. वयस्क कीट ज्यादा नुकसान पहुंचाता है ।

       4. की पत्ती की पारियां खा जाते है ।

      5.कीड़ों की संख्या जितनी ज्यादा होगी नुकसान उतना ज्यादा होगा ।

आई.पी.एम. तकनीक

1  देर से बुआई न करे ।

2. नाइट्रोजन उर्वरकों का अत्यादिक उपयोग करे ।

3. फसल की अच्छी तरह देखरेख करें ।

4.कीटनाशक का खेत के किनारे छिड़काव करें ।

5.नीम आधारित वनस्पति कीटनाशक का प्रयोग करे ।

6. बर्ड पर्चेर 6-8 की संख्या में प्रति है स्थापित करे

7. मेटारिजियम अनिसोप्ली का 10 ग्राम / लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करे

रासायनिक नियंत्रण:

1. रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या आर्थिक क्षति स्तर को पार कर ले । निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग 600 से 750 लीटर के साथ करें । मि.मी प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें ।

2 ) 30 ई.सी. डाइमेथेएट 330 मि.मी प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें ।

3 ) 25 ई.सी. मेथाइल डेमोटान 650 मि.मी प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें ।

( 7 ) कीट दीमक / देयक / देक ( Termite )

 क्षति

1.       दीमक दाने और पौधों के हिस्सों को खा जाती है ।

2.        मिट्टी की सतह से कुछ ऊपर जड़े कट जाती है , पौधा उखड़ जाता है ।

 

आई.पी.एम. तकनीक :

1. अच्छी तरह से साड़ी खाद का उपयोग करे |  

2. बीज को उपचारित करे ।

3.खेत के आसपास के दीमक के बाम्बीयों को नष्ट करे और दीमक की रानीयों को मार दें ।

4. व्युवेरिया बेशियाना का 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करे या व्यूवेरिया युक्त गोबर की खाद से भूमि उपचार कर

रासायनिक नियंत्रण :

1.नियंत्रण निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग 600 से 750 लीटर के साथ करें ।

2.बोनी के पहले 4 मि.ली. क्लोरोपाइरीफॉस प्रति किलो से उपचारित करें ।

3.बोगी के पहले व्युवेरिया देसियाना प्रति किलो से गोबर के खाद से उपचारित करें ।

४.पौधे आने की अवस्था में यदि दीमक का प्रकोप दिखे तो मिट्टी को किया व्युवेरिया बेसियाना से शोषित करे ।

8 ) कीट चूडा / मूस ( Rats )

क्षति

1.       चूहे फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते है ।

2.       ये दाने खा जाते है और उन्हें अपने बिल में रखने ले जाते है ।

3.       चूहे पौधे को जमीन से कुछ ऊपर काटते हैं . फिर पूरा पौधे या उसकी वाली अपने बिल में ले जाते

4.       गेहूँ में एक हेक्टेयर में करीब 25 बिल रहते है और करीब 2 प्रतिशत बालियों को नुकसान पहुंचाते है

आई.पी.एम. तकनीक

1. खेत की जुताई करें जिससे बिल नष्ट हो जाए ।

2.पानी भरके या मिट्टी भरके बिलों को भरे ।

3. चूहा प्रपंच ( ग्लू ट्रेप ) का प्रयोग करे ।

4. बर्ड पर्चेर 6-8 की संख्या में प्रति है . स्थापित करे 

5. 100 ग्राम बेहया / बेसरम के पत्ती को दो लीटर पानी में उबाले जब पानी आधा रह जाये तो उसमें ज्वार या बाजरा डालकर पकाये तथा पकने के बाद थन्डा होने दे एवं लड्डू बनाकर चूहे के बिल के पास रखे चूहे की समस्या समाप्त हो जायगी ।

रासायनिक नियंत्रण:

रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग उस समय करना चाहिए जब कीट की संख्या आर्थिक्षतिस्तर ( इ.टी.एल. ) को पार कर ले निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग 600 से 750 लीटर के साथ करें । 0.005 बोगोबायोलोन बैट ( 15 ग्राम ) हर बिल में रखे ।

2 से 25 प्रतिशत जिंक फासफाइड को 10 ग्राम हर बिल में रखे 

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