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एक साल में ही कर सकेंगे एक विषय से बीएससी

एक साल में ही कर सकेंगे एक विषय से बीएससी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से विद्यार्थी अब एकल विषय में बीएससी की पढ़ाई केवल एक वर्ष में कर सकेंगे। पहले किसी अतिरिक्त विषय की डिग्री प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को दो वर्ष तक पढ़ाई करनी पड़ती थी, जिससे समय और श्रम दोनों अधिक खर्च होते थे। नई व्यवस्था से छात्रों को कम समय में अधिक विषय विकल्पों के साथ बेहतर करियर अवसर मिलेंगे।

हालांकि ध्यान देने योग्य बात यह है कि पाठ्यक्रम में उ.प्र. राजर्षि ण्डन मुक्त विश्वविद्यालय किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है। छात्रों को उतने ही कोर्स एक वर्ष में पूरे करने होंगे, जितने पहले दो वर्षों में करने होते थे।

मुक्त विश्वविद्यालय जनवरी 2026 सत्र से छह नए एकल विषय शुरू करने जा रहा है। इसके लिए सभी औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इन विषयों में बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स और

पर्यावरण विज्ञान शामिल हैं। इनकी शुरुआत के बाद विद्यार्थियों को बीएससी के 16 कॉम्बिनेशन विकल्प उपलब्ध होंगे, जिनमें से वे अपनी रुचि और भविष्य के करियर लक्ष्यों के अनुसार विषय चुन सकेंगे। नई व्यवस्था न केवल छात्रों का अध्ययन बोझ कम करेगी, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा, शोध, तकनीकी प्रशिक्षण और इसमें बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, पर्यावरण शामिल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय भी प्रदान करेगी।

प्रवेश प्रभारी प्रो. जेपी यादव ने बताया कि बीएससी के छह नए एकल विषयों को शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है और विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

आरटीई : प्रवेश आवेदन के लिए बढ़ा इंतजार

पिछले साल चार चरणों में एक दिसंबर से शुरू हो गए थे आवेदन

लखनऊ। प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत इस बार प्रवेश आवेदन के लिए इंतजार करना होगा। नए शासनादेश के अनुसार पोर्टल को किया पोर्टल को जा रहा अपग्रेड अपडेट अभी लगेगा समय किया जा रहा है जिससे विलंब हो रहा है। इसमें अभी और समय लग सकता है। हालांकि, बीते वर्षों में दिसंबर से ही चार चरणों में प्रवेश आवेदन लिए जाते रहे हैं। पिछले साल भी एक दिसंबर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई थी।

आरटीई के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों का प्रवेश कराया जाता है, लेकिन इस साल यह प्रक्रिया एक दिसंबर से नहीं शुरू हो पाई। विभाग के अनुसार सितंबर में जारी शासनादेश में पोर्टल में जरूरी संशोधन के निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में सभी आवश्यक जानकारी पोर्टल में अपलोड की जा रही है। हाल ही में हुई शासन की समीक्षा बैठक में बच्चों का डाटा ऑनलाइन फीड करने के लिए 29 नवंबर का समय दिया गया था। डीएम व सीडीओ को बैठक कर इसके लिए प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए गए थे।

इतना ही नहीं शासन ने इस साल

एक अतिरिक्त चरण के आयोजन की घोषणा की थी, किंतु हालिया स्थिति में प्रवेश आवेदन इस महीने के अंत या जनवरी में ही शुरू होने की उम्मीद है। समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि नए शासनादेश के अनुसार सूचनाएं पोर्टल पर एनआईसी के माध्यम से अपडेट की जा रही हैं। ऐसे में प्रवेश आवेदन शुरू करने में अभी थोड़ा समय लगेगा। प्रवेश आवेदन लेने के लिए अभी पर्याप्त समय है।

पिछले साल एक लाख से ज्यादा हुए थे प्रवेश

दिसंबर से ही प्रवेश आवेदन शुरू करने का लाभ पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग को मिला था। सत्र 2025-26 के लिए आरटीई के तहत 334953 आवेदन हुए थे। इसमें से 252269 आवेदन स्वीकृत हुए थे। इनमें 185675 बच्चों को सीटें अलॉट की गई थीं। इसमें से 106592 बच्चों का प्रवेश भी सुनिश्चित हुआ था। यही वजह है कि इस साल भी बड़ी संख्या में अभिभावकों को प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है।

पॉलीटेक्निकः 50 हजार से अधिक फार्मेसी सीटें खाली

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा इन फार्मेसी (डीफार्मा) कोर्स के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद (जीकप) नेसत्र 2025-26 की काउंसलिंग तो पूरी कर ली लेकिन परिणाम चौंकाने वाले हैं। प्रदेश के करीब 2000 पॉलीटेक्निक फार्मेसी संस्थानों में कुल 1 लाख 10 हजार सीटों के मुकाबले 61 हजार हजार सीटों पर ही प्रवेश हो सके हैं। यानी पांच चरणों की मेगा काउंसलिंग के बाद भी पूरे 50 हजार से अधिक सीटे खाली रह गई हैं।

देर से शुरू हुई काउंसलिंग का खामियाजा फार्मेसी संस्थानों को भुगतना पड़ रहा है। जहां खाली सीटों का संकट पैदा हो गया है। इंजीनियरिंग कोर्स में कोर्ट केस के चलते पूरी जीकप की फार्मेसी काउंसलिंग रुक गई थी।

काउंसलिंग बहुत देर से शुरू हो सकीः हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद फार्मेसी काउंसलिंग बहुत देर से शुरू हो सकी। पांच चरण में हुई काउंसलिंग का अन्तिम चरण बीत 11 नवम्बर को पूरा हुआ। काउसंलिंग में देरी की वजह से हजारों मेधावी छात्रों ने दूसरे राज्यों या अन्य किसी विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। जानकारी के अनुसार बता दें कि फार्मेसी की काउंसलिंग में सबसे पहले रुकावट नौ जुलाई 2025 को आयी थी।

कोर्ट के आदेश के बाद फार्मेसी काउंसलिंग को निरस्त किया गयाः

जारी काउंसलिंग के बीच उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद फार्मेसी काउंसलिंग को निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद 25 सितम्बर 2025 से काउंसलिंग शुरू हो सकी थी।

संस्थानों के संचालन पर भी आया भारी संकट

पॉलीटेक्निक फार्मेसी संस्थान संचालकों का कहना है कि प्रवेश में कमी से संस्थानों के संचालन पर संकट खड़ा हो गया है। स्पेशल राउंड या मैनेजमेंट कोटा खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। अभी तक जीकप ने कोई स्पेशल राउंड या स्पॉट काउंसलिंग की घोषणा नहीं की है। प्रवेश संख्या घटने से संस्थानों की 50-60 प्रतिशत फीस इनकम खत्म हो जाएगी। कई कॉलेज बंद होने की कगार पर आएंगे। प्रयोगशालाएं, लाइब्रेरी, हॉस्टल सब खाली, बुनियादी ढांचे का रखरखाव असंभव होगा।

कार्यालयः उ0प्र0 लोक सेवा आयोग

संख्या-04/04/अतिगोपन-3/2025-26
असंगतः दिनांकः 01 दिसम्बर, 2025

अंत एतद्वारा सूचित किया जाता है कि विज्ञापन संख्याः ए-1/ई-1/2025 दिनांकित 20 फरवरी, 2025 के क्रम में सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा (पी०सी०एस०) (प्रा०) परीक्षा-2025 तथा सहायक वन संरक्षक (ए०सी०एफ०) / क्षेत्रीय वन अधिकारी (आर०एफ०ओ०) सेवा (प्रा०) परीक्षा-2025, दिनांक-12.10.2025 को आयोजित की गयी। उक्त विज्ञापन के सापेक्ष कुल-626387 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। प्रश्नगत परीक्षा के प्रथम सत्र में कुल-267340 व द्वितीय सत्र में कुल-265270 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। प्रश्नगत परीक्षा में पदों की कुल संख्या-920 है, जिसमें 106 पद ए०सी०एफ० / आर०एफ०ओ० के तथा 814 पद सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा (पी०सी०एस०) के सम्मिलित हैं। उक्त रिक्तियों के सापेक्ष कुल-11727 अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा में प्रवेश हेतु औपबन्धिक रूप से सफल घोषित किया गया है।

परीक्षा परिणाम आयोग की वेबसाइट https://uppsc.up.nic.in पर अभ्यर्थियों के अवलोकनार्थ उपलब्ध है।

2- प्रश्नगत परीक्षा परिणाम पूर्णतया औपबन्धिक है। उक्त परीक्षा परिणाम के क्रम में आयोजित होने वाली मुख्य परीक्षा का कार्यक्रम एवं मुख्य परीक्षा हेतु सफल अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने आदि के सम्बन्ध में पृथक से प्रेस विज्ञप्ति जारी की जायेगी। अभ्यर्थियों के प्राप्तांक/कट-ऑफ अंक आदि की सूचना अन्तिम चयन परिणाम घोषित होने के उपरान्त आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिये जायेंगे। इस सम्बन्ध में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के अन्तर्गत कोई भी प्रत्यावेदन स्वीकार्य नहीं होगा।

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