संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन 24 तक

डीएलएड - बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) की ओर से डीएलएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2026 के लिए आवेदन प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई। आवेदन 24 दिसंबर तक लिये जाएंगे। राज्यभर के 306 डीएलएड कॉलेजों की 30,800 सीटों पर नामांकन होगा। इसके लिए https://www.bsebdeled.com लिंक पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
समिति की ओर से जारी परीक्षा कैलेंडर के अनुसार डीएलएडसंयुक्त प्रवेश परीक्षा 19 जनवरी से 18 फरवरी 2026 तक होना संभावित है। परिणाम मार्च में जारी होगा। वहीं, डीएलएड कॉलेजों में नामांकन के लिए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय मेरिट लिस्ट और 306 कॉलेजों की 30,800 सीटों पर नामांकन होगा
नामांकन, विकल्प लॉक करने, सीट आवंटन, स्लाइडअप आदि की प्रक्रिया मार्च अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। जून अंत तक नामांकन प्रक्रिया समाप्त कर ली जाएगी। नया सत्र जुलाई से शुरू होगा।
120 प्रश्न पूछे जाएंगे : परीक्षा में शामिल होने के लिए सामान्य कोटि, आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य कोटि के अभ्यर्थी, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को आवेदन शुल्क 960 रुपये देने होंगे। वहीं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को 760 रुपये देने होंगे। परीक्षा की अवधि ढाई घंटे की होगी और इसमें 120 वस्तुनिष्ठ एवं बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। 120 प्रश्रनों के 120 अंक निर्धारित है।
उत्तरकुंजी जारी, 17 तक मांगी आपत्ति
प्रयागराज। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड या सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) शिक्षक भर्ती की गणित विषय के लिए छह दिसंबर को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी पांच दिन बाद गुरुवार को जारी कर दी गई। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने वस्तुनिष्ठ प्रकारक सामान्य अध्ययन एवं गणित विषय से संबंधित प्रश्नपत्र को स्कैन कर प्रश्न एवं उनके उत्तर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं, जो 17 दिसंबर तक उपलब्ध रहेंगे।
एलटी ग्रेड गणित की उत्तर कुंजी जारी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक (एलटी ग्रेड) भर्ती-2025 गणित विषय परीक्षा की उत्तर कुंजी बृहस्पतिवार को जारी कर दी। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट पर 17 दिसंबर तक उत्तर कुंजी देख सकेंगे। साथ ही निर्धारित प्रारूप में 17 दिसंबर तक आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं।
असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के 208 पदों के लिए नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी
प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग ने असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर-असिस्टेंट ग्रेड के विभागीय परीक्षा का अंतिम परिणाम बुधवार को घोषित कर दिया। खास यह कि 208 पदों के लिए योग्य अभ्यर्थी ही नहीं मिले। आयोग ने कुल 34 अभ्यर्थियों को ही सफल घोषित किया है। आयोग की इस भर्ती के अंतर्गत कुल 242 पदों के लिए 15 जून को कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें 2024 की भर्ती के अंतर्गत सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस में कुल 238 शामिल हैं। वहीं, 2022 के तहत विदेश मंत्रालय में चार पद शामिल हैं। अब आयोग ने बुधवार को अंतिम परिणाम घोषित कर दिया।
आयोग की ओर से घोषित परिणाम के अनुसार सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस के कुल 238 पदों के सापेक्ष 208 पद रिक्त रह गए हैं। अनारक्षित वर्ग के 133 पदों के सापेक्ष 28 अभ्यर्थी ही सफल घोषित किए गए हैं। अनुसूचित जाति के 55 पद के सापेक्ष दो अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। अनुसूचित जन जाति के सभी 50 पद रिक्त रह गए हैं हालांकि विदेश मंत्रालय के सभी चार पदों के लिए अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं।
नए आयोग को जल्द मिलेंगे अध्यक्ष
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद के लिए आवेदन की प्रक्रिया बुधवार को पूरी हो गई। उम्मीद है कि जल्द ही नए अध्यक्ष साथ की नियुक्ति हो जाएगी। इसी के असिस्टेंट प्रोफेसर के 910 पदों और टीजीटी-पीजीटी के चार हजार से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेज होगी। पूर्व अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय के 22 सितंबर को इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष के लिए 21 अक्तूबर तक आवेदन मांगे गए थे। हालांकि अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी। 19 नवंबर को अध्यक्ष पद के लिए दस दिसंबर तक आवेदन मांगे गए थे। इस बीच संशोधित नियमावली में शिक्षाविदों और आईएएस अफसरों के अलावा पुलिस और दूसरी सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के भी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए मान्य कर लिया गया है।
आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार वर्ष 2023 व 2024 के लिए एमईए कैडर के परिणाम अलग से घोषित किए जाएंगे। आयोग की सूचना के अनुसार सभी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक वेबसाइट पर जल्द अपलोड किए जाएंगे।
पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने जल्द नियुक्ति के लिए आयोग के समक्ष किया प्रदर्शन
कहा-पांच माह पहले परीक्षा ली गई, पर अब तक नहीं हुई नियुक्ति
पटना। पारा मेडिकल एसोसिएशन ऑफ बिहार के बैनर तले पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने ओटी सहायक, ईसीजी और एक्सरे तकनीशियन की नियुक्ति की लंबित प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग को लेकर बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) के समक्ष प्रदर्शन किया।
गुरुवार की दोपहर सैकड़ों अभ्यर्थी बैनर-पोस्टर के साथ आयोग पहुंच गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर आयोग के बाहर ही अभ्यर्थियों को रोका दिया।
प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से आयोग के वरीय अधिकारी ने बातचीत की।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग के सचिव ने आश्वासन दिया कि हर हाल में मंगलवार तक सभी मांगों से संबंधित कारवाई की सूचना आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
भारत भूषण ने कहा कि मंगलवार तक आधिकारिक सूचना नहीं दी गईतो आयोग के समक्ष बुधवार को प्रदर्शन किया जाएगा। कहा कि ओटी सहायक, ईसीजी और एक्सरे तकनीशियन की नियुक्ति लंबित है। पांच माह पहले परीक्षा ली जा चुकी है। नियुक्ति में देरी से छात्रों को कई तरह की परेशानी हो रही है। मौके पर प्रदेश महासचिव सुरेन्द्र सुमन, कोषाध्यक्ष अशुतोष नंदन, आभा कुमारी, मधु कुमारी, मोहित सिंह, चंद्रमणि निराला, राज तेजस्वी, रोहन कुमार, धर्मवीर कुमार, राहुल कुमार, रंजीत कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी मौजूद थे।
नए साल में शिक्षकों की नई तबादला नीति लागू होगी
पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों के के शिक्षकों के तबादले की नीति नए साल में लागू होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग शिक्षक स्थानांतरण नियमावली को संशोधन के साथ अंतिम रूप दे रहा है। इस नियमावली में शिक्षकों की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है। माना जा रहा है कि एक माह के अंदर शिक्षा विभाग इस नियमावली को मंजूरी के लिए राज्य कैबिनेट को भेज देगा।
पिछले कई वर्षों से व्यावहारिक तरीके से शिक्षकों को तबादला के लिए स्पष्ट नीति नहीं होने से परेशानी हो रही थी। इस साल सवा लाख से अधिक शिक्षकों को अंतरजिला और जिला के अंदर ही तबादला को किया गया, लेकिन इसके लिए कई तरह के अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। तबादले के मामले में शिक्षा विभाग पर न्यायालय में काफी संख्या में केस भी आ गए हैं। विभागीय अधिकारी मानते हैं कि शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ठोस नियमावली नहीं होने से तबादला को लेकर मुकदमा भी हो रहे हैं, साथ ही स्कूलों में पढ़ाई भी बाधित हो रही है।
राज्य के लगभग 79 हजार स्कूलों के छह लाख शिक्षकों को स्थानांतरण नियमावली का लाभ मिलेगा। वर्तमान में लगभग एक लाख से अधिक शिक्षक अंतरजिला और जिला के अंदर तबादला चाह रहे हैं, लेकिन कुछ खास मामलों को छोड़कर बड़े पैमाने पर तबादला नई नियमावली के लागू होने के बाद ही होगा। हालांकि, पहले शिक्षा विभाग का लक्ष्य था कि विधानसभा चुनाव के पहले ही तबादला नीति को कैबिनेट से मंजूरी दिला कर लागू करा दें, लेकिन नियमावली के कुछ बिंदुओं पर शिक्षक संघों की आपत्ति के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। अब शिक्षा विभाग आपत्ति के बिंदुओं पर विमर्श के साथ नियमावली तैयार कर रहा है।
नई नियमावली की अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद ही शिक्षकों से स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे। इसकी सूचना बाद में दी जाएगी। स्थानांतरण के लिए भौतिक रूप से आवेदन पत्र जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन प्राप्त होने वाले आवेदनों पर ही विचार किया जाएगा। नई स्थानांतरण नियमावली में प्रावधान किया गया है कि नियुक्ति के पांच साल तक शिक्षकों को तबादला का मौका नहीं मिलेगा। हालांकि गंभीर रूप से बीमार और अन्य महत्वपूर्ण कारण की स्थिति में ही नियुक्ति के पांच साल पूरा होने के पहले ऐच्छिक तबादला किया जा सकता है।
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