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एलटी ग्रेड भर्ती को अपडेट कर सकेंगे शैक्षिक विशिष्टता

एलटी ग्रेड भर्ती को अपडेट कर सकेंगे शैक्षिक विशिष्टता

प्रयागराज : सहायक अध्यापक, प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी (पुरुष/महिला शाखा) परीक्षा-2025 के तहत अभ्यर्थियों को अपनी शैक्षिक विशिष्टता से जुड़ी जानकारी अपडेट करनी होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

अभ्यर्थियों को आयोग की वेबसाइट पर ओटीआर नंबर और पासवर्ड या ओटीपी के माध्यम से लागिन करना होगा। इस तरह आवेदन किए गए सभी विषयों के लिए आवेदन पत्र में आवश्यक संशोधन किए जा सकेंगे। अभ्यर्थियों को चयन के समय किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए आयोग ने शैक्षिक विशिष्टता संबंधी जानकारी अपडेट कराने का फैसला किया है। इसके साथ ही दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग में शुरू हुई भर्ती के लिए भी सूचना

अपडेट करने का अवसर दिया गया है।

आयोग इसके लिए 29 दिसंबर से सात जनवरी तक अपनी वेबसाइट खोलेगा। जानकारी अपडेट करने के बाद अभ्यर्थी को सभी विवरण सही होने की पुष्टि करनी होगी। इसके बाद आवेदन पत्र को अंतिम रूप से सबमिट करना होगा। अपडेट किए गए आवेदन पत्र की एक प्रति डाउनलोड कर भविष्य के लिए सुरक्षित रखने की भी सलाह

दी गई है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 7385 पद शामिल हैं। इसके अलावा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के तहत दृष्टिबाधित, मूक-बधिर एवं शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थियों के विद्यालयों में 81 रिक्त पदों के लिए विशेष शैक्षिक अर्हता आवश्यक है। उप सचिव वीरेंद्र मणि त्रिपाठी के अनुसार अभ्यर्थियों ने जिन-जिन विषयों के लिए आवेदन किया है, उन सभी के सापेक्ष आवेदन पत्र में क्रमवार जानकारी अपडेट करनी होगी। आयोग ने साफ किया है कि यदि कोई अभ्यर्थी तय समय के भीतर अपनी जानकारी अपडेट नहीं करता है, तो विशेष योग्यता वाले पदों के लिए उसके आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

लखनऊ, बाराबंकी समेत डेढ़ दर्जन जिलों में चयन वेतनमान देने की प्रक्रिया सुस्त

विभागीय आदेश के बाद भी सैकड़ों शिक्षकों को नहीं मिला लाभ

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की सख्ती और स्पष्ट निर्देशों के बावजूद लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, कन्नौज सहित करीब डेढ़ दर्जन जिलों में शिक्षकों को चयन वेतनमान का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है। यह स्थिति तब है, जब महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने हाल ही में बैठक कर इस प्रक्रिया को शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए थे।

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 10 वर्ष की नियमानुसार सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को चयन कई जिलों में नए बीएसए नहीं कर पा रहे हैं इसकी प्रक्रिया पूरी वेतनमान दिया जाता है। दो भर्ती बैच के सैकड़ों शिक्षक इसके पात्र हैं, लेकिन कई जिलों में इसकी गति बेहद धीमी बनी हुई है। राजधानी लखनऊ में भी शिक्षक लाभ के लिए भटक रहे हैं, जबकि बाराबंकी में अब तक केवल आधा दर्जन शिक्षकों को ही इसका लाभ मिल सका है।

शिक्षक संगठनों की मांग के बाद विभाग हरकत में आया और समीक्षा बैठकों का दौर शुरू हुआ। परिणामस्वरूप 50 से अधिक जिलों में अब तक 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को चयन वेतनमान का लाभ मिल चुका है। हालांकि अन्य जिलों में शिक्षकों का इंतजार लंबा होता जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिन जिलों में नए बीएसए तैनात हुए हैं, वहां प्रक्रिया पूरी करने में अधिक समय लग रहा है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने 29 दिसंबर को मानव संपदा पोर्टल पर चयन वेतनमान स्वीकृति की शत-प्रतिशत प्रगति की समीक्षा बैठक भी तय की है। इस बैठक में स्कूल, शिक्षक और छात्र प्रोफाइल की पूर्ण फीडिंग तथा अन्य राज्यों से प्राप्त स्टूडेंट रिलीज रिक्वेस्ट के मामलों की भी समीक्षा की जाएगी।

बीएसए बनकर ठगी करने वाला गिरफ्तार

फर्जी बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) बनकर ईसीसीई (शिक्षक एजुकेटर) भर्ती के नाम पर जालसाजी कर अभ्यर्थियों से अवैध वसूली करने के आरोपी जालसाज को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने प्रतापगढ़ जनपद के पट्टीकस्बेसेगिरफ्तार किया है। उसके पास से पुलिस ने दो एंड्रायड मोबाइल बरामद किया है। अब तक छह लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है।

पकड़ा गया जालसाज राम सिंह पुत्र स्व. शिव गरुण ग्राम नैका महीन झुंसी जनपदप्रयागराजका निवासी है। उसका हाल मुकाम पता बंदीपट्टी चौराहा भवरगढ़ धनूपुर हंडिया जनपद प्रयागराज है। एएसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि पकड़े गए राम सिंह ने आजमगढ़ बीएसए के नाम से फर्जी

पुलिस ने आरोपी को प्रतापगढ़ जिले के पट्टी क्षेत्र से किया गिरफ्तार आरोपी राम सिंह नैका महीन झुंसी प्रयागराज का है मूल निवासी

ई-मेल आईडी बनाई थी। वाट्सऐप ग्रुप और टू कॉलर पर भी बीएसए का नाम और और फोटो फोटो लगाकर अभ्यर्थियों को विश्वास में लेता था। इसके बाद खुद को बीएसए बताकर ईसीसीई शिक्षक भर्ती के नाम पर पर अभ्यर्थियों से 10 से 40 हजार रुपये की ठगी करता था। वह अभ्यर्थियों के पास जनसेवा केंद्रों का क्यूआर कोड भेजकर रुपये मंगवाता था। जिससे पुलिस उसे ट्रेस न कर सके।

केंद्र सरकार बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल पर नियंत्रण के लिए बनाए कानून : हाईकोर्ट

कहा-इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी

मदुरै। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने केंद्र सरकार को ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल को नियंत्रित किए जाने के लिए कानून बनाने की सलाह दी है।

अदालत ने कहा कि जब तक ऐसा कोई कानून लागू नहीं हो जाता, तब तक राज्य और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों में बाल अधिकारों और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जा सकती है।

अदालत की ओर से सुझाए गए ढांचे का उद्देश्य 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट रखने से रोकना है, क्योंकि नाबालिगों के हानिकारक ऑनलाइन सामग्री के संपर्क में आने की आशंका है। 

न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन और न्यायमूर्ति के के रामकृष्णन की खंडपीठ ने हाल ही में ये टिप्पणियां उस समय की याचिकाकर्ता एस विजय कुमार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील के पी एस पलानीवेल राजन ने एक नए ऑस्ट्रेलियाई कानून का हवाला दिया। इसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही पीठ ने कहा कि भारत भी इसी तरह का कानून लाने पर विचार कर सकता है।

विजय कुमार ने जनहित याचिका दायर कर इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को 'पेरेंटल विंडो' सेवा प्रदान करने का निर्देश देने और अधिकारियों के माध्यम से बच्चों में जागरूकता बढ़ाने को कहा है। राजन ने तर्क दिया था कि याचिकाकर्ता ने उपरोक्त राहत इसलिए मांगी, क्योंकि अश्लील सामग्री आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है।

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