आउट सोर्स निजी एजेंसी के कर्मचारी मार्च 2027 तक खत्म करने की तैयारी

मोहन कैबिनेट में प्रदेश में कर्मचारियों की श्रेणी तय किए जाने के बाद वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति निजी एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी और इनके लिए कोई पद सृजित नहीं माना जाएगा। आउटसोर्स सेवाएं मार्च 2027 तक चरणबद्ध रूप से समाप्त कर नियमित भर्ती की जाएगी। इधर आउट सोर्स को लेकर सरकार के फैसले के बाद अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है और आउटसोर्स अधिकारी, कर्मचारी आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
मनीष रस्तोगी ने बताया कि कई विभागों ने नियमित पदों के विरुद्ध आउटसोर्स पदों पर नियुक्ति की परमिशन मांगी थी जो पूर्व में दी गई थी। अब इसे खत्म करने के लिए कहा गया है और भविष्य में जरूरत होने पर मार्च 2027 के बाद नियमित पदों पर भर्ती की जाएगी। उधर कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग द्वारा राज्य शासन के विभिन्न श्रेणियों को लेकर नए नियम एवं दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सोमवार को जारी निदेशों के अनुसार राज्य शासन में कार्यरत कर्मचारियों के पदों को स्थायी, अस्थायी, संविदा, कार्यभारित, आकस्मिकता निधि, आउटसोर्स तथा अंशकालिक श्रेणियों में स्पष्ट रूप से वगीकृत किया गया है।
विभाग ने कहा है कि इसका उद्देश्य विभागों में फैले भ्रम को दूर करना और भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। वित्त विभाग ने कहा है कि स्थायी पदों पर नियुक्त कर्मचारी पर राज्य शासन के सभी सेवा नियम लागू होंगे। एक जनवरी 2005 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना तथा इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू रहेगी।
अंशकालिक एवं विशेष समयावधि कर्मी
राज्य शासन के विभिन्न विभागों में अंशकालिक, सफाईकर्मी, माली, चौकीदार आदि कर्मियों को आवश्यकता अनुसार निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जाएगा। इनका पारिश्रमिक बजट की उद्देश्य शीर्षों से वहन किया जाएगा।
कार्यभारित एवं आकस्मिकता स्थापना
विभाग ने कहा है कि निर्माण विभागों में परियोजना आधारित कार्यों के लिए कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से नियुक्त कर्मचारियों पर अलग नियम लागू रहेंगे। ऐसे कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित प्रावधान भी प्रभावशील रहेंगे।
संविदा-आउटसोर्स कर्मियों को लेकर नियम
शासन ने स्पष्ट किया है कि संविदा पदों पर नियुक्ति केवल निर्धारित अवधि के लिए होगी तथा इन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं सेवा समाप्ति संबंधी नियम लागू होंगे। आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति निजी एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी और इनके लिए कोई पद सृजित नहीं माना जाएगा। आउटसोर्स सेवाएं मार्च 2027 तक चरणबद्ध रूप से समाप्त कर नियमित भर्ती की जाएगी।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल
नई दिल्ली - दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला देते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में अर्धसैनिक बलों को 'भारत संघ का सशस्त्र बल' करार देते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का आदेश दिया है। यह फैसला केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को पुरानी पेंशन नीति को मांग को लेकर दाखिल एक बाचिका पर आया है।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि सीएपीएफ भी भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल हैं और नई। पेंशन योजना (एनपीएस) उन पर लागू नहीं होती है। आदेश के अनुसार कोई व्यक्ति चाहे सीएपीएफ में आज ही भर्ती हुआ हो, पूर्व में रहा हो या भविष्य में भर्ती होगा, वह पुरानी पेंशन योजना के लिए पात्र होगा। वर्ष 2004 के बाद अर्धसैनिक बलों में शामिल होने वाले कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया गया था, लेकिन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की स्थिति को लेकर मामला अस्पष्ट था। हालाँकि, पुरानी पेंशन योजना की रक्षा बलों के लिए बरकरार रखा गया था, जो कि रक्षा मंत्रालय की कमान के तहत केंद्र के सशस्त्र बल हैं। संसद के संबंधित अधिनियमों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय की कमान के तहत अर्धसैनिक बल केंद्रीय सशस्त्र बल भी हैं। अर्धसैनिक बलों के लिए नई पेंशन योजना को बेकार बताते हुए, अदालत ने इन बलों को
भारत संघ के सशस्त्र बलों' के रूप में मान्यता दी।
अर्धसैनिक बलों को संघ के सशस्त्र बलों के रूप में मान्यता की दुविधा के कारण सीएपीएफ में नई पेंशन योजना को अपनाया गया। जिसके बाद 1 जनवरी 2004 के बाद केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती हुए सभी कर्मियों को सीएपीएफ सहित पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर कर दिया गया। हालांकि, सरकार ने तब तर्क दिया था कि सेना, नौसेना और वायु सेना ही केंद्र सरकार को सशस्त्र सेनाए थीं। बीएसएफ अधिनियम, 1968 में कहा गया है कि बल का गठन भारत संघ के एक सशस्त्र बल के रूप में किया गया था। इसी तरह, बाकी सीएपीएफ को भी भारत संघ के सशस्त्र बलों के रूप में गठित किया गया है।
NDA 2026: इंटरव्यू तक पहुंचने के लिए लिखित परीक्षा कैसे निकालें ? ये रहा प्लान
एनडीए एंट्रेंस एग्जाम एक्सपर्ट
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने नेशनल डिफेंस 'एकेडमी (एनडीए) और नेवल एकेडमी (एनए)-1, 2026 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह परीक्षा 12 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। इसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 30 दिसंबर है। इस परीक्षा के जरिए एनडीए और नेवल एकेडमी की सभी विंग्स को मिलाकर कुल 394 पदों पर भर्ती की जाएगी। हर साल एनडीए की लिखित परीक्षा में 4 से 8 लाख छात्र शामिल होते हैं। इस साल परीक्षा का आयोजन देश के 81 शहरों में होगा। इसके लिए आवेदन शुल्क 100 रुपए है।
कौन कर सकता है आवेदन ?
एनडीए के लिए 12वीं या उसके समकक्ष परीक्षा पास छात्र आवेदन कर सकते हैं। नेवल एकेडमी के लिए 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ पास होना जरूरी है। फिलहाल 12वीं में पढ़ रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। लेकिन एसएसबी (सर्विस सिलेक्शन बोर्ड) इंटरव्यू के समय उम्मीदवारों के पास 12वीं का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य होगा।
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