पांच जिलों में घर बैठे वृद्धावस्था पेंशन

लखनऊ। यूपी में पात्र बुजुर्गों को घर बैठे वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में अमेठी, कासगंज, गोरखपुर, ललितपुर और बस्ती में लागू की जाएगी। इसके बाद इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा। सभी जिलों को 30 दिनों में इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एल वेंकेटेश्वर लू ने गुरुवार को मंडलायुक्तों व डीएम को इस संबंध में निर्देश भेज दिया है। इसमें 60 वर्ष व उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को फैमिली आईडी के आधार चिह्नत किया जाएगा, जो 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हैं उन्हें 90 दिन पहले ही चिह्नित कर आवेदन की प्रक्रिया शुरू करा दीपाय लेट प्रोजेक्ट के रूप में पांच जिलों को योजना के लिए चुना गयासभी जिलों के लिए तीस दिनों में एस ओपी तैयार करने के दिए निर्देश
जाएगी। फैमिली आईडी एक परिवार एक पहचान प्रणाली की मदद से राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के पात्रों की सूची स्वतः तैयार होगी। अभी 67.50 लाख बुजुर्गों को हर महीने एक-एक हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। अब 8.25 लाख और वृद्धजनों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
नई व्यवस्था के तहत वृद्धजनों को आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। फैमिली आईडी से पात्रों को चिह्नित किए जाने के बाद विभाग उनसे फोन कॉल, एसएमएस और वाट्सएप पर मैसेज इत्यादि से संपर्क कर पेंशन के लिए सहमति लेगा। इसके बाद स्वचलित चिह्नीकरण में पात्र नागरिक स्वयं या फिर किसी के सहयोग से पेंशन पोर्टल पर जाकर अपनी सहमति व बॉयोमीट्रिक सत्यापन देंगे। यह काम ग्राम पंचायत सहायक या कॉमन सर्विस सेंटर से भी कराया जा सकेगा। कॉमन सर्विस सेंटर की डोर-टू-डोर सर्विस डिलीवरी की व्यवस्था भी उपलब्ध रहेगी। सत्यापन के बाद उनके आधार लिंक बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से पेंशन भेजी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में 46080 रुपये वार्षिक आय और शहरी क्षेत्रों में 56460 रुपये तक वार्षिक आय जिन वृद्धजनों की है, उन्हें वृद्धावस्था पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।
टीईटी परीक्षा मामले में हस्तक्षेप करे सरकार'
नईदिल्ली। देश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता का मुद्दा लोकसभा में सुनाई दिया।
कई सांसदों ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए अध्यादेश लाने की मांग की है। ताकि, शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देशभर में 25 लाख सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने उठाया मुद्दा, अध्यादेश लाने की मांग की और यूपी में दो लाख शिक्षक असुरक्षा की भावना से घिर गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कमजोर पैरवी से एक सितंबर, 2025 को सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अध्यादेश जारी कर या संविधान संशोधन लाकर 25 लाख शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करना चाहिए।
68500 सहायक शिक्षक भर्ती में प्रश्नों के विवाद पर मांगा जवाब
प्रयागराज, 68500 सहायक अध्यापक भर्ती 2018 में प्रश्नों के विवाद का एक मामला फिर हाईकोर्ट पहुंच गया है। अभ्यर्थी रचना यादव ने याचिका दाखिल कर संशोधित परिणाम जारी करने की मांग की है। न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है।
हालांकि याचिका 159 दिन के विलंब से दाखिल की गई है। 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का परिमाण जारी होने के बाद ही इस पर विवाद उठा था। मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकरण ने दोबारा संशोधित परिणाम जारी करने की मांग में याचिका दाखिल की परिणाम और दो बार मूल्यांकन में अलग-अलग अंक मिले मूल्यांकन किया, जिसमें 4800 नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ।
इसके बाद कई अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे और कोर्ट के आदेश पर तीसरी बार मूल्यांकन किया गया तो उसमें भी कई अभ्यर्थी सफल घोषित हुए। याची के अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि 13 अगस्त 2018 को पहली बार परिणाम जारी किया गया, जिसमें याची अर्चना को 63 अंक प्राप्त हुए।
शिक्षा विभाग ने टीआरई-4 के खाली पदों की जानकारी मांगी
अपर मुख्य सचिव ने सात दिनों में डीईओ से ब्योरा मांगा, प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया
पटना। शिक्षक बहाली परीक्षा (टीआरई 4) के तहत पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर सहित 14 जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों ने रिक्त सीटों की जानकारी मुख्यालय भेज दी है। वहीं, शेष 24 जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को एक सप्ताह में रिक्तियां भेजने का निर्देश दिया गया है।
विभागीय समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेंदर ने बिहार के 38 जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिक्तियां भेजने को कहा। साथ ही शिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान को कहा गया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है। ऐसे में 28 जिलों ने ही उपयोगिता प्रमाणपत्र महालेखाकार कार्यालय में जमा किया है। नवादा, कैमूर, रोहतास गोपालगंज जिले से अभी तक प्रमाणपत्र नहीं मिला है। शिक्षकों का अक्तूबर का वेतन नहीं मिलने पर जिलों से रिपोर्ट तलब किया है।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्होंने अगली बैठक में जिलावार शिक्षकों की सूची मांगी जिन्हें वेतन नहीं मिल सका है। बैठक में 7 जिले अरवल, बेगूसराय, गोपालगंज खगड़िया, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और सीवान के विशिष्ट शिक्षकों को एरियर भुगतान किए जाने की सराहना की गई और बाकी जिलों को इसी सप्ताह पैसा देने को कहा गया। डीईओ पर प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया। स्थानीय निकाय के शिक्षकों को भी नियमित रूप से वेतन भुगतान करने को कहा गया।
लंबित 527 मामलों का निबटारा का आदेश दिया। वर्ष 2024-25 के 4921 और वर्ष 2025-26 के 4126 लंबित मामलों में भी अविलंब छात्रवृत्ति भुगतान करने का आदेश दिया। कोर्ट से संबंधित मामलों के निबटारे के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा।
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